TRENDING TAGS :
पीयूष गोयल कहिन- रुपये की गिरावट रोकने उठाए जाएंगे कदम
नई दिल्ली : अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान वैश्विक हालात को देखते हुए सरकार रुपये की गिरावट रोकने के लिए समुचित उपाय करेगी। गोयल ने बताया कि 2013 में रुपये में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट आने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने असाधारण उपाय किए थे।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी और कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण भारतीय मुद्रा गुरुवार को डॉलर के मुकाबले अबतक के सबसे निचले स्तर 69 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़क गई। हालांकि बाद में आरबीआई के हस्तक्षेप करने पर रुपया सुधार के साथ 68.79 पर बंद हुआ।
ये भी देखें : बदहाल हो रहा पाकिस्तान, भारतीय रूपए के आधी रह गई उसकी करेंसी
गोयल ने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स के कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "इससे पहले 2013 में रुपये में 68-69 रुपये प्रति डॉलर तक की गिरावट आई थी।"
उन्होंने बताया, "आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट बैंक (एफसीएनआर-बी) जमा स्कीम शुरू की, जिसके तहत 32 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा तीन साल के लिए भारत आई, जिससे रुपये की दर में स्थिरता आई।"
उन्होंने कहा, "अगर आप पिछले पांच साल में देखें तो हमने वह 32 अरब की रकम लौटा दी है और रुपये में कोई गिरावट नहीं आई। अगर आप आर्थिक आंकड़ों को देखेंगे तो उसमें कुछ कयासबाजी हो सकती है, क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार 304 अरब डॉलर रह गया, जोकि 2017-18 के आखिर में 425 अरब डॉलर था।"
गोयल ने कहा, "मुझे आरबीआई पर पूरा भरोसा है, जो विदेशी मुद्रा विनिमय दर को नियंत्रित करता है और सरकार एक साथ बैठकर विचार-विमर्श करेगी। विदेशी हालात को ध्यान में करते हुए हम समुचित उपायों पर विचार करेंगे।"
ये भी देखें :ये वाले मोदी ने पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में लाने से किया इंकार
गोयल ने कहा कि देश में चालू खाता का घाटा (सीएडी) 2012-13 में 4.8 फीसदी था, जोकि 2017-18 में घटकर 1.9 फीसदी रह गया। इस दौरान राजकोषीय घाटा भी 4.5 फीसदी से घटकर 3.5 फीसदी रह गया।
विश्लेषकों के अनुसार, डॉलर में मजबूती, कच्चे तेल के भाव में तेजी और सीएडी के बढ़ते घाटे और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के कारण रुपये में गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अब तक 40,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


