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VIDEO: भुवनेश्वर के हॉस्पिटल में लगी भीषण आग, 23 की मौत, 30 मरीज गंभीर
एसयूएम हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज की पहली मंजिल के इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) वार्ड में सोमवार शाम को अचानक आग लग गई। जिससे 23 मरीजों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई है। वहीं आग की चपेट में आने से कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। मौके पर पहुंची पांच दमकल की गाड़ियों ने फिलहाल आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है।
भुवनेश्वरः यहां के एसयूएम हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज में सोमवार शाम करीब 7 बजे भीषण आग लग गई। आईसीयू और डायलिसिस वार्ड में लगी आग से 23 मरीजों की मौत हुई और 40 की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से 30 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी को अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 24 गाड़ियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद उस पर काबू पाया। सीएम नवीन पटनायक ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे की खबर मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की। उन्होंने नड्डा को निर्देश दिए कि हादसे में गंभीर रूप से बीमार या झुलसे मरीजों को दिल्ली लाकर एम्स में दाखिल कराया जाए। साथ ही हर मरीज को मदद मुहैया कराने के भी उन्होंने मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को निर्देश दिए हैं। बता दें कि इससे पहले साल 2011 में इसी तरह का हादसा कोलकाता के एएमआरआई हॉस्पिटल में हुआ था। उस हादसे में 90 मरीजों की मौत हुई थी।
कैसे लगी आग?
खुर्दा जिले के डीएम निरंजन साहू के मुताबिक शाम को अचानक आग लग गई। माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी। आग हॉस्पिटल की पहली मंजिल पर डायलिसिस ओटी से शुरू हुई और जल्दी ही आईसीयू और पास के वार्डों तक फैल गई। उन्होंने बताया कि 23 मरीजों का दम आग लगने से निकले धुएं की वजह से घुट गया। मरीजों को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड ने ब्रॉन्टो स्काईलिफ्ट का इस्तेमाल किया। दरवाजों और खिड़कियों के शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया। धुएं की वजह से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दूसरे अस्पतालों में 15 एंबुलेंसों से भेजा गया।
मरीजों को एसयूएम हॉस्पिटल से निकालने की कोशिश करते दमकल कर्मी
एसयूएम प्रबंधन ने क्या कहा?
एसयूएम हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बसंत पाती ने बताया कि गंभीर मरीजों को कैपिटल हॉस्पिटल और तीन अन्य निजी अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। राज्य सरकार ने आग के कारणों की जांच चिकित्सा शिक्षा और ट्रेनिंग विभाग के निदेशक करेंगे। सभी मरीजों को राज्य सरकार मुफ्त चिकित्सा भी मुहैया कराएगी।
हॉस्पिटल में अफरातफरी
एसयूएम हॉस्पिटल में आग लगते ही यहां भर्ती मरीजों के परिजनों में अफरातफरी मच गई। लोग अपने मरीजों को बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। एक आदमी चीख रहा था कि वह अपने भतीजे को लेकर आया था, जब आग लगी। कई और लोग इसलिए परेशान दिखे कि अपने मरीजों को वे कहां ले जाएं। बता दें कि एसयूएम मेडिकल साइंसेज हॉस्पिटल साल 2007 में स्थापित हुआ था। यह भुवनेश्वर के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है। यहां तकरीबन 1,200 बेड की व्यवस्था हैं।
कोलकाता में हुई थी 90 मरीजों की मौत
भुवनेश्वर के एसयूएम हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज में लगी आग से 23 मरीजों की मौत ने साल 2011 में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में आग से 90 मरीजों की मौत की यादें ताजा कर दी हैं। 9 दिसंबर को कोलकाता के ढाकुरिया स्थित एएमआरआई मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बेसमेंट में आग लगी थी। इससे जहरीला धुआं हॉस्पिटल के वार्डों में भर गया था। इसके बाद हॉस्पिटल बोर्ड के सात मेंबरों को गैर इरादतन हत्या और लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार लोगों में कोलकाता के नामचीन उद्योगपति एसके तोड़ी भी थे।
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