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दिखा चांद: मुहर्रम की पहली तारीख शुक्रवार को, शुरू हुआ मजलिसों का दौर
लखनऊ: ग़मों के महीने मुहर्रम का चांद नज़र आ गया है। कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ शहीद किए गए हज़रत इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम मनाया जाता है। मुहर्रम का चांद नज़र आते ही लखनऊ समेत देश भर में अज़ादार शोक में डूब गए और काले कपड़ों में नज़र आने लगे।
लखनऊ में पहली मुहर्रम को चौक स्थित आसिफी इमामबाड़ा (बड़े इमामबाड़े) से छोटे इमामबाड़े तक शाही जुलूस निकाला जाएगा। जुलूस के मद्देनज़र जिला व पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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दिखा चांद
इस्लामिक कैलेण्डर का पहला महीना यानि ग़मों के महीने मुहर्रम का चांद आज नज़र आ गया है। इमामे जुमा लखनऊ मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी और शिया मरकज़ी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नक़वी ने मुहर्रम का चांद देखे जाने की पुष्टि की है।
सुनाई देने लगी सदायें
लखनऊ में मुहर्रम का चांद नज़र आते ही पुराने लखनऊ में घरों से या हुसैन की सदायें सुनाई पड़ने लगी हैं। अज़ादारा हज़रत इमाम हुसैन की याद में अज़ाख़ाने सजाने के लिए ताज़िए लेकर जाते नज़र आ रहे हैं। पहली मुहर्रम का शाही जुलूस कल शाम चौक स्थित आसिफी इमामबाड़ा (बड़े इमामबाड़े) से शुरू होकर हुसैनबाद स्थित छोटे इमामबाड़े पहुंचकर समाप्त होगा। इससे पहले सुबह से ही मजलिसों का दौर शुरू हो जाएगा। चौक स्थित शिया कॉलेज, इमामबाड़ा गुरानमाब, इमामबाड़ा आग़ा बाक़र, मदरसा सुल्तानुल मदारिस के अलावा अफ़ज़ल महल में होने वाली मजलिसों में बड़ी संख्या में अज़ादार जुटेंगे।
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प्रशासन की तैयारियां चुस्त
जुलूस के मद्देनज़र जिला व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र तैयारियां पूरी कर ली हैं। अपर पुलिस महानिदेशक ज़ोन लखनऊ अभय कुमार प्रसाद, एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने जुलूस वाले रूट का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की है।
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संवेदनशील इलाक़ों में ड्रोन से नजर
एडीजी ज़ोन अभय कुमार प्रसाद ने बताया, कि 'मुहर्रम के मद्देनज़र सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। पुराने लखनऊ को अलग-अलग सेक्टर और ज़ोन में बांटकर मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। शरारती तत्वों पर नज़र रखने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम कैमरों के साथ लगाईं गई है। संवेदनशील इलाक़ों में ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इसके अलावा सोशल मीडिया के ज़रिए अफवाह फैलाने वालों पर भी नज़र रखी जा रही है। करीब 400 संदिग्धों को चिन्हित कर निगरानी की जा रही है। इसके अलावा मजलिसों के दौरान सुचारू यातायात व्यवस्था के लिए भी ट्रैफिक पुलिस के जवानों को लगाया गया है।'
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