UN में बोलीं सुषमा- पाक से की दोस्ती की कोशिश, बदले में मिला पठानकोट और उरी

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Published on: 26 Sept 2016 7:04 PM IST
UN में बोलीं सुषमा- पाक से की दोस्ती की कोशिश, बदले में मिला पठानकोट और उरी
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न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में पाकिस्तान से दोस्ती की हर कोशिश हुई, लेकिन बदले में हमें उरी और पठानकोट मिला। उन्होंने पाकिस्तान को बलूचिस्तान की ओर देखने की सलाह देते हुए मांग की कि जो देश आतंकवाद के खिलाफ नहीं हैं उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए। सुषमा स्वराज ने जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसे मुद्दों को भी उठाया।

सुषमा स्वराज ने कहा...

एक साल पहले मैंने इसी पवित्र मंच से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित किया था। तब से बहुत कुछ बदला है। समीक्षा उन कामों की भी हो जो हमने किए हैं औऱ जो नहीं कर पाए। इस पवित्र सभा में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। समय के अभाव के कारण मैं सभी मुद्दों को नहीं दोहराऊंगी।

आतंकवाद को पनाह देने वालों की हो पहचान

इसी महीने 9-11 की 15वीं बरसी हुई है। इसी महीने उरी में आतंकवादी हमला हुआ है। पेरिस से पठानकोट तक के हमले हमें याद दिलाते हैं कि हम इसे रोक नहीं पाए हैं। आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है। क्योंकि वो निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है। वो किसी देश का नहीं मानवता का दुश्मन है। आतंकवादियों को पनाह देने वाला कौन है। कौन इन्हें हथियार और पैसा देता है। अफगानिस्तान ने भी ये सवाल उठाए हैं। इतिहास गवाह है जिसने हिंसा के बीज बोए हैं उसे कड़वा फल खाने को मिला है। आतंकवाद ने राक्षस का रूप धारण कर लिया है। ये अपना और पराया कहकर हम आतंकवाद के खिलाफ नहीं लड़ पाएंगे। आतंकवाद को हराने के लिए हमें एकजुट होना होगा। हमें पुराने समीकरण तोड़ने होंगे। ऐसा करना मुश्किल नहीं है। केवल इच्छा शक्ति की जरूरत है।

घर शीशे का हो तो दूसरे के घर में पत्थर नहीं फेंकते

यदि कोई देश इस तरह की रणनीति में शामिल नहीं होना चाहता है तो हम उसे अलग थलग कर दें। क्योंकि दुनिया में कुछ देश हैं जो कुछ पालते हैं तो आतंकवाद, बोलते हैं तो आतंकवाद। ऐसे देशों को चिन्हित करना चाहिए जहां आतंकवादी जश्न मनाते हैं। वो देश दोषी हैं जो ऐसा करते हैं। ऐसे देश की विश्व समुदाय में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 21 को पाक के प्रधानमंत्री ने जो कहा उसका जवाब देना चाहती हूं। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में मानवाधिकार हनन हो रहा है जिनके घर शीशे के हों वो दूसरों के घर में पत्थर नहीं फेंकते।

हर बार धोखा मिला

अपने गिरेबान में झांके बलूचिस्तान में क्या हो रहा है। वो कहते हैं कि वो हम बातचीत में शर्त लगाते हैं। पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में बुलाया तो क्या कोई शर्त लगाई थी? मैं खुद इस्लामाबाद गई क्या हमने कोई शर्त लगाई? प्रधानमंत्री काबुल से दिल्ली लौटते हुए लाहौर गए क्या हमने कोई शर्त लगाई थी? हमने शर्तों के आधार पर नहीं मित्रता के आधार पर बातचीत की कोशिश की।

कभी ईद की शुभकामनाएं, कभी क्रिकेट तो कभी स्वास्थ्य को लेकर बात। लेकिन हमें मिला किया, पठानकोट, उरी, बहादुर अली। बहादुर अली जिंदा सबूत है हमारे पास। यदि पाक ये जानता है कि वो ऐसी बात करके वो हमसे हमारा कोई अंग छीन सकती है तो मैं आपको कह दूं आपका मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा। कश्मीर हमारा है और हमेशा रहेगा। 1996 में भारत ने एक प्रस्ताव दिया। 20 साल गुजर गए हैं लेकिन उसे निष्कर्श नहीं निकला। ताकि हम आतंकवादियों को सजा दिला सकें। सुरक्षा परिषद का विस्तार होना चाहिए।

भारत खत्म करेगा लैंगिक समानता

आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती दुनिया में गरीबी है। हमें सभी तक समृद्धि पहुंचाना, लैंगिंक समानता लाना है। दुनिया में शांति लाना। स्वच्छता के तहत हमने स्वच्छ भारत अभियान छेड़ा है। लैंगिक समानता के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की गई है। मेकिंग इंडिया के तहत विदेशी पूंजी निवेश आ रहा है। गरीबों के लिए जनधन योजना है। 25 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए। डिजिटल इंडिया और स्किल डेवलपमेंट के लिए काम किया जा रहा है। भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बन गया है। मानवता का एक बट्टे छह संख्या भारत में निवास करता है। हम एजेंडा 2030 को लागू करने के लिए काम करेंगे।

जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती

दूसरा विषय जलवायु परिवर्तन का है। ये हमारे सामने गंभीर चुनौती है। लोभ की कोई सीमा नहीं होती। हमारे प्रधानमंत्री ने जलवायु न्याय का नारा दिया है। यदि हम अंधाधुंध दोहण करेंगे तो प्रकृति क्रोधित हो जाएगी। ये समय का तकाजा है कि हम अपने जीवन को पर्यावरण के अनुकूल बनाएं। योग इसका एक बड़ा साधन है। विकसित देश भी इसमें योगदान दें और दूसरों की मदद करें। जलवायु परिवर्तन की भूमिका में भारत अग्रणी भूमिका निभाएगा। पेरिस समझौते के तहत भारत अपना समझौता पत्र गांधी जयंती पर जमा कर देगा।

क्या कहा था नवाज शरीफ ने

पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट संघ में कश्मीर राग अलापा था। नवाज ने आतंकवादी बुरहान वानी को नेता बताया था। उरी हमले का जिक्र किए बिना उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात कही थी।

शरीफ की शरारत पर सरकार सख्त

नवाज शरीफ की शरारत पर भारत ने सख्त रूख अपना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ के भाषण को आतंकियों के आकाओं के हाथों लिखा बताया था। अब सुषमा स्वराज ने दुनिया में पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए यूएन का मंच चुना।

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