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बिसाहड़ा कांड : 25 मई की जिरह के बाद सार्वजनिक होगी फॉरेंसिक रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा: बहुचर्चित बिसाहड़ा कांड में मृतक अखलाक के घर से बरामद हुए मांस की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट कोर्ट के आदेश पर बचाव पक्ष को बुधवार को दी जानी थी। इसके लिए मंगलवार को कोर्ट ने आदेश पारित किए थे। बुधवार को बचाव पक्ष के वकील रामशरण नागर ने भी रिपोर्ट की कॉपी के लिए नकल विभाग में प्रार्थन पत्र दायर किया है।
इस संबंध में नागर ने बताया कि 25 मई को सुनवाई के बाद रिपोर्ट की कॉपी उन्हें मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही वे आगे की कानूनी प्रक्रिया के बारे में सोचेंगे।
फॉरेंसिक रिपोर्ट ना मानने की दलील
अखलाक के परिवार की ओर से कोर्ट में जिरह कर रहे सरकारी वकील ने फॉरेंसिक रिपोर्ट को ना मानने की दलील दी। इसके साथ ही इसे सार्वजनिक न करने की अपील भी की थी। इसी को लेकर पिछले एक माह से कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जिरह चल रही थी। इसे विराम देते हुए, जज ने आरोपी पक्ष को फॉरेंसिक रिपोर्ट की कॉपी देने का फैसला लिया।
नकल विभाग में दिया प्रार्थना पत्र
कोर्ट में पिछले कई दिनों से फॉरेंसिक रिपोर्ट की कॉपी की मांग को लेकर परिजन चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने रिपोर्ट के सार्वजनिक करने की मांग रखी थी। वहीं कोर्ट में चल रही जिरह के चलते कई बार अगली तारीख मिल रही थी। ऐसे में परिवार को निराशा लौटना पड़ता था। 25 मई की जिरह के बाद रिपोर्ट की कॉपी उन्हें मिल जाएगी।
रामशरण नागर ने बताया कि यह एक प्रक्रिया होती है। जिसके पूर्ण होने में तीन-चार दिन का समय लगता है। इसके बाद ही रिपोर्ट मिलेगी।
क्या था मामला ?
28 सितंबर 2015 की रात बिसहाड़ा गांव में रहने वाले अखलाक की हत्या हो गई थी। हत्या का कारण उसके घर से गोमांस मिलने को लेकर विवाद था। जांच के लिए मांस के टुकड़े को मथुरा फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। गांव वालों का आरोप था कि अखलाक के परिवार ने प्रतिबंधित पशु काटा था। इसी सूचना के बाद पहुंचे गांव वालों ने अखलाक के घर पर हमला बोल दिया था। उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, उनके एक बेटे को अधमरा कर दिया था।
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