...और अब पेट्रोल, डीजल के दाम पर नियंत्रण सरकार की मंशा नहीं

Rishi
Published on: 11 Oct 2018 9:06 PM IST
...और अब पेट्रोल, डीजल के दाम पर नियंत्रण सरकार की मंशा नहीं
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नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों को दोबारा नियंत्रित करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। यह बात वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कही। अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल के दाम में की गई कटौती एक बार किया गया उपाय था।

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पहचान जाहिर करने की इच्छा नहीं रखने वाले अधिकारी ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद के घटक मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि हालात में जो पूंजी बाजार में अस्थिरता और रुपये में गिरावट देखी जा रही है, उसकी वजह विदेशी कारक हैं।

पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी शासित कई राज्यों ने भी तेल पर वैट में कटौती की। बताया गया है कि इससे उपभोक्ताओं को तेल के दाम में पांच रुपये प्रति लीटर की राहत मिलेगी।

सरकार ने तेल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की और तेल विपणन कंपनियों को एक रुपये प्रति लीटर कटौती का भार वहन करने को कहा।

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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र के इस फैसले से चालू वित्तवर्ष की अंतिम छमाही में 10,500 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या ओएनजीसी जैसी कंपनियों को केरोसीन और रसोई गैर पर बढ़ी हुई सब्सिडी (अनुदान) को साझा करने को कहा जा सकता है, तो उन्होंने कहा, "हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है।"

उन्होंने कहा, "भारतीय शेयर बाजार और रुपया बाजार पर बाहरी कारकों का प्रभाव है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का दाम 85 डॉलर प्रति बैरल से नीचे के दायरे में रहने की उम्मीद है।"

उन्होंने कहा, "अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है।"

उन्होंने कहा, "बहरहाल हम चालू खाते का घाटा, भुगतान संतुलन और रुपये पर नजर बनाए हुए हैं। तेल की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।"

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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