Exclusive: कैसे पकड़ते अपराधी, सर्विलांस लगा था माशूका की निगरानी में

जिस से देश की निगहबानी होनी थी, जिस से आतंकवादियों और अपराधियों को पकड़ा जाना था, उस सर्विलांस का इस्तेमाल इंस्पेक्टर साहब इश्कबाज़ी में कर रहे थे। वो इश्कबाज़ी जिस में उस सिपाही (युवती) की भी रूचि नहीं थी।

priyankajoshi
Published on: 24 Feb 2018 6:43 PM IST
Exclusive: कैसे पकड़ते अपराधी, सर्विलांस लगा था माशूका की निगरानी में
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शारिब जाफरी

लखनऊ: जिस से देश की निगहबानी होनी थी, जिस से आतंकवादियों और अपराधियों को पकड़ा जाना था, उस सर्विलांस का इस्तेमाल इंस्पेकटर साहब ब्लैकमेंलिंग धमकाने और रेप केलिए किया करते थे,कोतवाल साहब पहले से ही शादीशुदा है। मुरादाबाद की गल शहीद कोतवाली पर तैनात कोतवाल लोकेन्द्र पाल सिंह ने सर्विलांस को अपने ड्योढ़ी की जागीर बना कर इस्तेमाल किया।महिला पुलिस कांस्टेबिल को कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ खिलाने के बाद शादीशुदा इन्स्पेक्टर ने कांस्टेबिल की वीडियो बना कर एक दो नहीं पूरे आठ साल तक अपनी हवस का शिकार बनाया। यही नहीं लोकेन्द्र पाल शादी कर अपनी ज़िन्दगी पटरी पर लाने की कोशिशों में जुटी कांस्टेबिल पर सर्विलांस के ज़रिये निगाह रखा करता था। कांस्टेबिल की जब शादी की बात चलती तो वह सर्विलांस के ज़रिये लड़के का मोबाइल नंबर हासिल कर लड़की से दूर रहने की धमकी देता था। newstrack.com के पास इंस्‍पेक्‍टर का धमकी देने वाला आडियो क्लिप भी मौजूद है। पीड़िता ने महिला थाना मेरठ में बंधक बना कर रेप का मुक़दमा दर्ज करा रखा है। रेप का मुक़दमा लिखे जाने के बाद डीआईजी मुरादाबाद डॉ प्रीतिन्दर सिंह लोकेन्द्र पाल सिंह को निलम्बित कर दिया है

आशिकमिजाज इंस्पेक्टर सर्विलांस का करता था दुरूपयोग

यूपी पुलिस का इश्कबाज़ कोतवाल अपनी महबूबा की निगरानी सर्विलांस से करता था। वही सर्विलांस जिस के ज़रिये आतंकियों से लेकर अपराधियों और बड़ी-बड़ी वारदातों को सुलझाने और निगाह रखने में पुलिस इस्तेमाल करती है। मेरठ में तैनात महिला कांस्टेबल की मुलाकात इंस्‍पेक्‍टर से एक जमीन के विवाद के चलते हुई थी। इसके बाद से ही इंस्‍पेक्‍टर ने महिला पर डोरे डालना शुरू कर दिया और अपने चंगुल में फंसा लिया था। बाद में जब महिला सिपाही बन गई तो इंस्‍पेक्‍टर ने धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर अपनी हवस का शिकार बनाया और वीडियो क्लिप बनाकर एमएमएस वायरल करने की धमकी देकर लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। जब महिला सिपाही ने अपनी शादी करके इंस्‍पेक्‍टर से पीछा छ़ड़ाने का प्रयास किया तो इंस्‍पेक्‍टर ने सर्विलांस का दुरूपयोग करके महिला सिपाही के होने वाले पति का नंबर हासिल कर उसे धमकाकर रिश्‍ता तुड़वा दिया। ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ।

लड़के को धमकाते हुए ऑडियो क्लिप

इंस्‍पेक्‍टर हर बार अपने पद का दुरूपयोग करके सर्विलांस के जरिए महिला की शादी तुड़वाता रहा। मुरादाबाद में तैनात इंस्‍पेक्‍टर लोकेंद्र पाल सिंह की घिनौनी हरकत का आडियो क्लिप newstrack.com के पास मौजूद है। इंस्‍पेक्‍टर और महिला सिपाही की बातचीत के साथ-साथ इंस्‍पेक्‍टर लोकेंद्र पाल सिंह की उस लड़के के साथ बातचीत का ऑडियो क्लिप भी न्‍यूजट्रैक डॉट कॉम के पास है, जिसमें वो लड़के को धमका रहा है।

पहले भी शर्मसार हो चुकी है खाकी

फैसला जो कुछ भी हो मंज़ूर होना चाहिए - जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए। राहत इंदौरी का यह शेर लोकेन्द्र पाल जैसे इश्कबाज़ खाकी वर्दी वाले जवानों पर बिलकुल फिट बैठता है। इससे पहले भी रंगीन मिजाज़ कई जवानों ने अपने पद और गरिमा की सारी मर्यादाएं तार-तार की हैं। लखनऊ के ग़ाज़ीपुर थाने के थानेदार ने शूटर के ज़रिये मासूम की ह्त्या करा दी थी। इस के अलावा अलीगंज, माल और हज़रतगंज थानों में तैनात दरोगाओं पर महिला सिपाहियों के साथ छेड़छाड़ सहित गंभीर आरोप लगते रहे हैं। एक तरफ यूपी पुलिस संगठित अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है तो वहीं यूपी पुलिस के कुछ जवान अपनी रंगीन मिजाज़ी के चलते न सिर्फ खाकी को दागदार बना रहे हैं बल्कि सुनियोजित तरीके से अपनी ताक़त का बेजा इस्तेमाल करना अब उन की आदत में शुमार हो गया है।

कैसे मिलती है पुलिस को सीडीआर

सीडीआर यानि कॉल डिटेल रिकार्ड मतलब आपने किसको कॉल की और किसकी कॉल या मैसेज आपके पास आया गया, इसका विवरण। किसी भी क्राइम नंबर में उक्‍त मो‍बाइल के इस्तेमाल होने की आशंका जताते हुए थानाध्‍यक्ष द्वारा एक चिट्ठी एसएसपी को लिखी जाती है। जिस पर पुलिस उपाधीक्षक और एडिशनल एसपी की रिकमेंडेशन जरूरी होती है। इसके बाद जिस कंपनी का मोबाइल नंबर होता है, उसको एसएसपी की तरफ से चिटृठी भेजकर कॉल डिटेल मंगाई जाती है। ऐसे में यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि लोकेंद्र पाल सिंह किस तरह ऊपर से लेकर नीचे तक अफसरों को गुमराह किया करता था और महिला सिपाही की कॉल डिटेल निकलवाया करता था। अब इस मामले में लोकेंद्र पाल सिंह के खिलाफ कूटरचित दस्‍तावेजों के जरिये महिला कांस्‍टेबिल की सीडीआर निकलवाने पर मुकदमा दर्ज होने की तलवार लटक रही है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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