महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण समिति का गठन, ये होगा मुख्‍य काम

sudhanshu
Published on: 26 Aug 2018 7:59 PM IST
महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण समिति का गठन, ये होगा मुख्‍य काम
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मुंबई: महाराष्ट्र में मुसलमानों ने उन्हें नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे को उठाने के लिए मुस्लिम आरक्षण संयुक्त क्रुति समिति का गठन किया है। समिति समुदाय को आरक्षण देने के सरकार के वादे पर अमल करने के लिए राज्य सरकार पर जोर डालेगी। आरक्षण के संघर्ष में सफलता पाने के लिए मुस्लिम समुदाय के संगठनों, राजनैतिक नेताओं, विद्वानों, शिक्षाविदों, वकीलों, पेशेवर व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस समिति का गठन किया है।

तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में मराठा समुदाय को सोलह फीसदी और मुसलमानों को पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए अध्यादेश पारित किया था।

बाद में बम्बई उच्च न्यायालय ने राजनैतिक रसूख रखने वाले मराठा समुदाय के लिए किसी भी तरह के आरक्षण को खारिज कर दिया था लेकिन मुसलमानों को केवल शिक्षा संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण देने की इजाजत दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था।

हाल में मराठा समुदाय द्वारा आरक्षण के लिए आंदोलन और धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग के बाद मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने की मांग सामने आई।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हुसैन दलवाई ने कहा कि समय आ गया है जब केंद्र व महाराष्ट्र की भाजपा सरकारें मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए पहल करें।

उन्होंने राजेंद्र सच्चर समिति की रिपोर्ट और तत्कालीन कांग्रेस-नेशनलिस्ट कांग्रेस सरकार द्वारा 2008 में गठित महमूद-उर-रहमान समिति की सिफारिशों के हवाले से मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग की।

महाराष्ट्र सेवा संघ के श्रीमंत कोकाते ने भी मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया।

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