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NHM: 4688 नर्सों की भर्ती में घोटाला, घोषित होगा संशोधित परिणाम
लखनऊ: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में 4688 नर्सों की भर्ती में धांधली ने एक बार फिर यूपी की सियासत को हिला कर रख दिया है। इस भर्ती का विज्ञापन योगी सरकार में ही प्रकाशित हुआ था। पर इसमें कम नम्बर पाने वालों को सेलेक्ट कर लिया गया है, जबकि ज्यादा नम्बर पाने वाले निराश हुए हैं।
यह खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया। मामला तूल पकड़ता देख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि भर्ती के विज्ञापन जिलावार निकाले गए थे। जिलावार रिक्त पदों के आधार पर अभ्यर्थियों की रैंकिंग बनी है। जिलों में जिस अभ्यर्थी का नम्बर ज्यादा था, उसे सेलेक्ट किया गया है। ज्यादा नम्बर पाने वाले जिन अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है, वह दूसरे जिले का मामला है।
चूक मानी, जल्द घोषित होगा संशोधित परिणाम
सरकार ने भी माना है कि एनएचएम के तहत पैरामेडिकल्स भर्ती में चूक हुई है। निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुताबिक पैरामेडिकल्स भर्ती परीक्षा में न्यूनतम कटआॅफ मेरिट सामान्य वर्ग-न्यूनतम 33 अंक, अन्य पिछड़ा वर्ग 30 अंक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति-24 अंक प्रचलन में है। इस आधार पर भर्ती के लिए प्रचलित व्यवस्था को लागू कर संशोधित परिणाम जल्द घोषित किया जाएगा।
मामला तूल पकड़ता देख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि भर्ती के विज्ञापन जिलावार निकाले गए थे। जिलावार रिक्त पदों के आधार पर अभ्यर्थियों की रैंकिंग बनी है। जिलों में जिस अभ्यर्थी का नम्बर ज्यादा था, उसे सेलेक्ट किया गया है। ज्यादा नम्बर पाने वाले जिन अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है, वह दूसरे जिले का प्रकरण है।
ये है पूरा मामला:
- दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) उत्तर प्रदेश की तरफ से बीते 22 जुलाई को 4688 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था।
- स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब टेक्निशियन, लैब अटेंडेंट समेत अन्य पदों पर यह नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के जरिए होनी थी।
- भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। 22 दिसम्बर को इसका परिणाम घोषित हुआ तो सनसनी फैल गई।
- कुछ अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में 90 अंकों में से 8 और 6 अंक मिले थे। उन्हें भी सेलेक्ट कर लिया गया। जबकि जिन अभ्यर्थी ने 90 में से 64 अंक पाए थे, उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया।
आजमगढ़ में एएनएम पर पर शैलजा सिंह को 90 अंक में से आठ अंक हासिल हुए हैं। पर विभागीय वेबसाइट पर इन्हें सेलेक्ट बताया जा रहा है। यह ओबीसी नान क्रिमिलेयर की अभ्यर्थी हैं।
इसी तरह फैजाबाद की कुमारी शिखा राय को 90 में से 64 अंक मिले हैं। पर यह सेलेक्ट नहीं हो पाई हैं। सामान्य वर्ग से आती हैं।
बहइराच जिले में ओबीसी नान क्रीमिलेयर अभ्यर्थी सुशील को 90 में से तीन अंक हासिल हुए हैं। उन्हें सेलेक्ट घोषित किया गया है। इस तरह के परिणामों से पूरी चयन प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगे हैं।
जिलावार निकली थीं भर्तियां, हर जिले का रिजल्ट है अलग: स्वास्थ्य मंत्री
नर्सेज, स्टाफ नर्सेज की जिलावार भर्ती हो रही है और जिलावार ही रिक्त पद घोषित हुए थे। उसका विज्ञापन आया था। किसी जगह चार, पांच या दस पद हैं। जिस जिले में भर्ती होनी है। उसकी रैंकिंग बनती है। उदाहरण के लिए प्रतापगढ़ में दस पद है।
उनमें उपर से जिनके ज्यादा मार्क्स है, उनको सेलेक्ट किया जाएगा। वही मार्क्स बहराइच, इलाहाबाद या कहीं और देखेंगे तो वह अंक आपको कम दिखेंगे। आपको लगेगा कि वहां कम अंक वालों की भर्ती हो गई। यहां ज्यादा मार्क्स वालों की भर्ती नहीं हुई। यह जिलावार भर्तिया हैं। जिलावार विज्ञापन आया था, जिलावार रिक्तियां भर दी जाती है तो उसे रोक दिया जाता है। एक जिले से दूसरी जिले के अंक को नहीं देखा जाए। यह एनएचएम का आनलाइन प्रोग्राम था।
तकनीकी कारण से पूरी नहीं हो पाई थी सप्लाई
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अभी तक स्कूली बच्चों को स्वेटर और मोजे सप्लाई नहीं होने पर कहा कि इस विषय में सीएम ने स्वयं खड़े होकर हाउस में बताया था, सप्लाई में दिक्कत आ गई, पर वह आर्डर दे दिया गया है। तकनीकी कारण से सप्लाई पूरा नहीं हो पाया है। जल्द से जल्द स्वेटर और मोजे बच्चों को दे देंगे। जिम्मेदारों पर एक्शन के सवाल पर कहा कि हर चीज का एक्शन नहीं लिया जाता। कुछ कारण होता है यह चीजें हो जाती है। इसे सुधारा जाता है, सुधारेंगे।
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