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बच सकती है निर्मल खत्री की कुर्सी, PK ने आलाकमान से कहा- होगा नुकसान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर नए चेहरे के आने की संभावनाओं पर विराम लगता दिख रहा है। कांग्रेसी नेताओं के उच्च पदस्थ सूत्रों कि मानें तो प्रशांत किशोर(पीके) ने आलाकमान को इस बात के संकेत दिए हैं कि निर्मल खत्री को हटाने से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
वहीं सीएम के लिए वह एक ब्राह्मण चेहरे को आगे लाएंगे। ऐसे में निर्मल खत्री को हटाने पर कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा। बताते चलें कि गुलाम नबी आजाद की स्वागत सभा में खत्री के ना पहुंचने के कारण निर्मल खत्री की नाराजगी की खबरें सामने आईं थीं। इस पर सभी एक तरफ से सफाई दे चुके हैं कि वे स्वास्थ्य कारणों से नहीं पहुंचे थे।
नेशनल कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो हाल में निर्मल खत्री के हटाए जाने की खबरों का कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने खंडन किया है। आलाकमान के इस फैसले के बाद अब यह बात साफ होती नजर आ रही है कि विधानसभा चुनाव निर्मल खत्री के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
आजाद और पीके खत्री के नाम पर संतुष्ट
सूत्रों की मानें तो नवनियुक्त यूपी प्रभारी आजाद और पीके ने निर्मल खत्री के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है। सूत्रों की मानें तो पीके ने भी कहा है कि निर्मल खत्री के रहने से कांग्रेस को फायदा होगा। सीएम पद के लिए शीला दीक्षित का नाम अभी तक सबसे आगे चल रहा है, जबकि जितिन प्रसाद भी बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।
मधुशूदन मिस्त्री को हटाने के पीछे अलग थी रणनीति
जानकारों की मानें तो मधुसूदन मिस्त्री को हटाने के पीछे कारण किसी मुस्लिम चेहरे को आगे लाना था। मिस्त्री भले ही कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी हैं। लेकिन यूपी में उनकी कोई बड़ी फॉलोइंग नहीं है और ना ही पीके के कास्ट फैक्टर में वे कहीं फिट नहीं बैठ रहे थे।
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