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जीएसटी लॉन्च से दूर रह सकता है विपक्ष, संसद में 30 जून की आधी रात को होगा लागू
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में 30 जून की आधी रात को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घोषणा समारोह से प्रमुख विपक्षी पार्टियां अनुपस्थित रह सकती हैं।
नई दिल्ली: संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में 30 जून की आधी रात को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घोषणा समारोह से प्रमुख विपक्षी पार्टियां अनुपस्थित रह सकती हैं। राष्ट्रपति पद की विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के नामांकन के लिए जुटे विपक्षी नेताओं के बीच बुधवार को इस मुद्दे पर अनौपचारिक रूप से चर्चा हुई।
नेताओं ने कहा है कि कारोबारी और व्यापारी समुदाय के बीच तमाम चिंताएं और भ्रम की स्थिति है, जिनमें से कुछ इस नए अप्रत्यक्ष कराधान कानून के खास प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
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विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे इस कार्यक्रम से दूर रहना चाहेंगे, जिसका आयोजन 'प्रचार के हथकंडे' के रूप से किया गया लगता है। एक नेता ने कहा, "यह कोई भाग्य से साक्षात्कार नहीं है, बल्कि जनता के भाग्य से खेलना है।"
एक अन्य नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच आम भावना आयोजन से दूर रहने की है। हालांकि यह विभिन्न पार्टियों का निजी निर्णय होगा।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "जीएसटी राष्ट्रहित में होना चाहिए, न कि इसे प्रोपोगंडा बनाया जाना चाहिए। इसे लागू करने की बुनियादी तैयारी अभी तक नहीं हो पाई है। यह मैं नहीं कह रहा, बल्कि तैयारी की जिनकी जिम्मेदारी है, वे कह रहे हैं।"
तो क्या आधी रात को प्रस्तावित जीएसटी के कार्यक्रम से विपक्ष दूर रहेगा? येचुरी ने कहा, "हम आधिकारिक रूप से इसका बहिष्कार नहीं कर रहे हैं और न तो कोई व्हिप जारी कर रहे हैं। सरकार ने इस पर हमसे मशविरा तक नहीं किया है।"
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राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में विपक्षी खेमे से अलग जा चुके जनता दल (युनाइटेड) इस मुद्दे पर दुविधा में लगता है, लेकिन 30 जून के कार्यक्रम में उसके हिस्सा लेने के संकेत हैं।
जद (यू) प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने आईएएनएस से कहा, "बिहार कोई विनिर्माण वाला राज्य नहीं है। यह एक उपभोक्ता प्रधान राज्य है और जीएसटी से उसे लाभ होगा। लेकिन नए कानून के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन भी हो रहा है। हम (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे कि आयोजन में हिस्सा लेना चाहिए या नहीं।"
उन्होंने कहा, "लेकिन कुछ ऐसी चर्चा है कि विपक्षी पार्टियां इस आयोजन से दूर रह सकती हैं।"
इसके पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि अखिल भारतीय कर व्यवस्था की लांचिंग को लेकर अनावश्यक जल्दबाजी नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की एक महाभूल होगी।
ममता ने कहा, "हम जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर बहुत चिंतित हैं। नोटबंदी के बाद यह अनावश्यक विनाशकारी जल्दबाजी केंद्र सरकार की एक और भयानक भूल है। हम शुरुआत से ही जीएसटी के पक्ष में रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार जिस तरीके से इसे लागू करने जा रही है, यह देखकर अब हम बहुत चिंतित हैं।"
ममता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "जीएसटी के क्रियान्वयन में जल्दबाजी न कर थोड़ा और समय लेने के हमारे सुझाव को अनसुना कर दिया गया।"
--आईएएनएस
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