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IISF में बोले राष्ट्रपति कोविंद- वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 649 वैज्ञानिक लौटे भारत
लखनऊ: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2018 में शिरकत करने के लिए लखनऊ पहुंचे। उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक और पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 649 वैज्ञानिक विदेश से वापस भारत आ चुके हैं। ताकि वो अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा को यहां बढ़ा सके। मुझे ये जानकर खुशी हुई कि इस वैज्ञानिक महाकुंभ में क्लाइमेट चेंज से लेकर विज्ञान के हर पहलू पर सेशन होंगे। स्वच्छ भारत मिशन भी एक वैज्ञानिक पहल है।
मुझें IISF 2018 के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने में बेहद खुशी हो रही है। लखनऊ में ये आयोजन हो रहा है। यहां सीडीआरआई, बीरबल साहनी, सीमैप, आईआईएसआर, आईआईटीआर और SGPGI भी है। विज्ञान हमेशा से भारत के कल्चर में है। ग्रीन रेवोल्यूशन से लेकर स्पेस प्रोग्राम तक, विज्ञान हमें बहुत आगे ले आया है।
हम विज्ञान को इनोवेशन के प्रमोट किये बिना आगे नहीं बढ़ा सकते। हम जुगाड़ टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करके एक सही वैज्ञानिक पहचान दे सकते हैं। ये IISF विज्ञान का कुम्भ मेला है। यूपी हमेशा से कुम्भ के लिए प्रसिद्ध है। अब वैज्ञानिक कुम्भ के लिए भी प्रसिद्ध हो रहा है।
पीएम मोदी ने विज्ञान के विकास के लिए किये काफी काम- हर्षवर्धन
देश के पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि IISF 2018 दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित है। उन्होंने विज्ञान के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का भी नारा दिया था।
आज हमारे पास उन्हीं की तरह पीएम मोदी हैं, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ न कुछ इनोवेटिव करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। आज हम लोग अंतराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में बहुत आगे हैं। नैनोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में हम विश्व मे चौथी रैंक पर हैं। सुनामी वार्निंग के लिए हम विश्व मे नंबर 1 हैं।
पीएम मोदी का सपना है कि 2030 तक हम देश के टॉप थ्री वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों में हो। इसके लिए मेरी देश के यंग साइंटिस्ट्स, यंग स्टूडेंट्स से अपील है कि आइए साथ मिलकर उनके इस विज़न को सच करने में मदद करें।
तुलसी जहां रहती है वहां नहीं होता कोई बीमार-योगी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह यूपी के लिए गौरव का पल है। राष्ट्रपति की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। केंद्र सरकार की मदद से यूपी में इस तरह का 4 दिन का महोत्सव हो रहा है। लोगों की विज्ञान के प्रति जिज्ञासा है। सभी ने इस आयोजन को सराहा है। भारत की पहचान ज्ञान और शिक्षा के लिए हमेशा से रही है।
तुलसी अनमोल रत्न है। धैर्य और शांति की प्रतीक है। जहां रहती है वहां पर कोई बीमार नही होता है। जो तुलसी पीता है। वह बीमार नहीं होता है। ऋग्वेद प्राचीनतम ग्रंथ है। दुनिया में विश्व के कल्याण के लिए देश खड़ा रहा है। मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। अगले तीन दिनों में बहुत कुछ जानने को मिलेगा विज्ञान महोत्सव तीन दिन में नई दिशा देगा।
विज्ञान से निकलेगा देश की समस्याओं का हल- राम नाइक
यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि विज्ञान का अंतराष्ट्रीय उत्सव उत्तर प्रदेश में हो रहा है। ये बहुत ही अच्छा संयोग है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी यूपी से हैं और यूपी में यह महोत्सव हो रहा है। ये बहुत ही सुखद संयोग है।
जब मैंने मंत्री हर्षवर्धन से यहां मौजूद छात्रों की संख्या के बारे में पूछा तो पता चला कि विज्ञान के इस महाकुम्भ में 12000 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस विज्ञान महाकुम्भ में आपको आधुनिक विज्ञान से परिचय होगा और शोध करने की प्रेरणा मिलेगी ऐसा मेरा विश्वास है।
आज मुझे वीर सावरकर का स्मरण हो रहा है। सावरकर जी ने कहा था कि हम विज्ञाननिष्ठ देश की परिकल्पना करते हैं। आज हम उसे सच होते देख रहे हैं। विज्ञान के माध्यम से सामाजिक सरोकारों और देश की समस्याओं का हल निकलेंगे।
हमें निरन्तर समाज और देश को आगे ले जाने के लिए विज्ञान के माध्यम से प्रयास करते रहना चाहिए। विज्ञान हर जगह है। विज्ञान आगे ले जाता है। इसके लिए संस्कृत के दो सुंदर शब्द हैं। ये अत्रेय ब्राह्मण ग्रन्थ में लिखे हैं। चरैवेति चरैवेति।
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