इसलिए किसी भी प्रधानमंत्री को अपने रेलमंत्री से रहना चाहिए सतर्क

Newstrack
Published on: 17 Jun 2016 10:41 PM IST
इसलिए किसी भी प्रधानमंत्री को अपने रेलमंत्री से रहना चाहिए सतर्क
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yogesh-mishra Yogesh Mishra

लखनऊ: किसी भी प्रधानमंत्री को अपने रेलमंत्री से सबसे अधिक सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि केंद्रीय कैबिनेट के सबसे अधिक रेलमंत्रियों ने ही राजनीतिक महात्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी नई पार्टी बनाई। आजादी के बाद हुए कुल 43 रेलमंत्रियों में से एक चौथाई से ज्यादा यानी 12 रेलमंत्री अपनी पार्टी खड़ी कर चुके हैं। अपनी पार्टी खड़ी करने के मामले में रेलवे के बाद रक्षा मंत्रालय का नाम आता है। देश के दो रक्षा मंत्रियों ने अपनी पार्टी बनाने में कामयाबी हासिल की है।

किन रेलमंत्रियों ने बनाई अपनी पार्टी

कभी कांग्रेस की नेता रहीं ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस खड़ी की। लालू प्रसाद यादव में बिहार में राष्ट्रीय जनता दल बनाया, जबकि नीतीश कुमार ने समता पार्टी और जदयू को आकार दिया। रेलमंत्री रहे रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी खड़ी की। जनेश्वर चंद्रशेखर की कैबिनेट में मंत्री थे उस समय समाजवादी जनता पार्टी की सरकार थी बाद में समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक बने। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में रेलमंत्री रहे जार्ज फर्नांडिस ने समता पार्टी बनाई।

कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया भी रेलमंत्री थे बाद में उन्होंने मध्यप्रदेश विकास पार्टी का गठन किया था। रेलमंत्री रहे बंशीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई थी। कांग्रेस के रेलमंत्री रहे टीए पाई ने बाद में जनता पार्टी सेक्युलर बना ली थी। रेलमंत्री जगजीवन राम ने अपनी कांग्रेस जे पार्टी का गठन किया था। रेलमंत्री रहे राम सुभाग सिंह कांग्रेस के नेता थे पर बाद में काग्रेस से अलग होकर कांग्रेस ओके स्थापत्यकार बन गए।

रेलराज्य मंत्री भी इस रोग के रोगी

हद तो यह है कि रेलमंत्रियों की अपनी पार्टी खड़ा करने का यह संक्रामक रोग राज्यमंत्रियों तक जा पहुंचा। रेलराज्य मंत्री रहे बिहार के नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी पार्टी गठित की। उन्होंने अपना लोकमोर्चा नाम का राजनीतिक मंच बनाया था।

मुख्यमंत्री बनने के लिए रेलमंत्री का ओहदा शुभ

मुख्यमंत्री बनने के लिए भी रेलमंत्री का ओहदा सबसे शुभ माना जाता है। 1971 से 1973 तक पहले कमलापति त्रिपाठी यूपी के मुख्यमंत्री रहे वहीं सामयिक राजनीति में लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी इसकी नजीरें हैं।

कड़ी नजर जरूरी

रक्षामंत्री रहे मुलायम सिंह यादव और शरद पवार ने भी अपनी अपनी पार्टी बनाई है। पर रेलमंत्री रहे एक चौथाई से ज्यादा लोग यानी 12 लोग अपनी पार्टी बना चुके हैं, ऐसे में हर प्रधानमंत्री अपने रेलमंत्री पर नजर रखे यह जरूरी है।

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