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सपा-कांग्रेस का 'चुनावी'बंधन: बीजेपी को रोकने के लिए ना-ना करते करते गठबंधन कर बैठे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन का औपचारिक ऐलान रविवार को किया गया। दोनों पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के ताज होटल में हुई। इसमें यूपी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा शामिल रहे। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने ऐलान करते हुए कि सपा और कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेगी। सीएम पद के उम्मीदवार अखिलेश ही होंगे। साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए यह गठबंधन हुआ है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के मूल्यों को कायम रखने के लिए हम समर्पित हैं। कार्यकर्ताओं से अपील है कि गठबंधन के प्रत्याशियों को भी जिताने में पूरी ताकत झोंक दें। अखिलेश के दोबारा यूपी सीएम बनने से देश मजबूत होगा। कांग्रेस के 105 उम्मीदवार होंगे।

गठबंधन पर क्या बोले राज बब्बर ?
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि आज देश और प्रदेश में जिस तरह का माहौल है, उसे देखते हुए यह गठबंधन का फैसला लिया गया है। सपा और कांग्रेस की साझा राजनीतिक ताकत भाजपा की विभाजनकारी नीतियों को चुनौती देगी। यह गठबंधन सीएम अखिलेश के किए गए रचनात्मक कामों की बुनियाद पर था। लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर मुहैया कराए जाएंगे। साझा एजेंडा एक हफ्ते में पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले ने देश की रफ्तार को ही रोक दिया है।
इससे पहले यह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस 5.30 बजे सपा पार्टी ऑफिस में होनी थी, लेकिन सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। उन्होंने बताया कि गठबंधन के ऐलान को लेकर होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस का वेन्यू बदला गया है। अब यह पीसी 6.30 बजे होटल ताज में होगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर सपा ऑफिस में गठबंधन का ऐलान करने के लिए तैयार नहीं थे, जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय और जगह बदली गई। बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका अदा की है।
सूत्रों की मानें तो सपा ने कांग्रेस को 105 सीटें देने का मन बनाया है। समाजवादी पार्टी यूपी के कुल 403 सीटों में से खुद 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कई दौर की बैठकों के बाद ये फैसला हुआ है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के पॉलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट प्रशांत किशोर (पीके) और सीएम अखिलेश यादव के बीच बैठकों के कई दौर के बाद गठबंधन पर सहमति बनी है।
कांग्रेस संजीवनी तलाश रही
जानकार मानते हैं कि सपा ने यह रणनीति कांग्रेस के दबाव में बनाई है। सपा कभी नहीं चाहेगी कि वो अपनी राजनीतिक ताकत का बड़ा हिस्सा कांग्रेस के साथ साझा करे। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस इस गठबंधन के सहारे यूपी की सत्ता में वापस लौटने का प्रयास कर रही है। पार्टी नेताओं को लगता है कि इस गठबंधन के बाद उनका प्रदर्शन पिछले चुनावों से बेहतर रहेगा।
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