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सहारा को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- और नहीं मिलेगी मोहलत
नई दिल्ली: सहारा समूह को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सुब्रत रॉय की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कुल 1,500 करोड़ रुपए में से 966.80 करोड़ रुपए की शेष राशि सेबी-सहारा खाते में जमा कराने के लिए और समय देने की मांग की थी।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानि सेबी को बकाया रकम न चुकाने की वजह से ऐंबी वैली की नीलामी पर तय समय के मुताबिक आगे बढ़ने को कहा है। बता दें, कि पुणे के नजदीक अपने प्रीमियम प्रॉजेक्ट ऐंबी वैली की नीलामी रोकने के लिए सहारा ग्रुप ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी, जिसे ठुकरा दिया गया था।
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'न्यूयॉर्क के दो होटलों को बेचा है'
कुर्की रोकने व अदालत के एंबी वैली की नीलामी के आदेश को रोकने की मांग करते हुए सहारा ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति एके सीकरी की खंडपीठ से कहा, कि 'वह पहले ही अपने न्यूयॉर्क के दो होटलों को बेच चुका है।'
कोर्ट ने ने कहा है कि यदि सहारा समूह रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट से समझौता करने व अदालत में राशि जमा करने में सक्षम है तो कोर्ट उपयुक्त आदेश पारित करेगी।
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एंबी वैली की संपत्ति का मूल्यांकन करने को कहा था
शीर्ष अदालत ने 16 अप्रैल को बंबई हाईकोर्ट के आधिकारिक लिक्विडेटर (परिसमापक) से सहारा समूह की एंबी वैली की संपत्ति का मूल्यांकन व नीलामी करने को कहा था। इसकी कीमत पर अपनी रिपोर्ट में लिक्विडेटर ने कहा था कि इसका बाजार भाव 37,390 करोड़ रुपये व उचित मूल्य 43,000 करोड़ रुपये है।
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20,000 करोड़ रुपए चुकाने हैं
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप से लगभग 20,000 करोड़ रुपए चुकाने के लिए कहा था। यह रकम उन निवेशकों को दी जानी है जिन्होंने सेबी की ओर से अवैध घोषित की गई सहारा ग्रुप की दो स्कीमों में निवेश किया था।
अगली सुनवाई में मौजूद रहें सहारा प्रमुख
सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कोर्ट ने आदेश में कहा, 'यदि आवेदनकर्ता रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट फंड के साथ समझौता करते हैं और राशि को अदालत के समक्ष जमा कराते हैं, तो अदालत अगली सुनवाई में उचित आदेश देगी।' कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख पर सुब्रत रॉय को अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया।
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