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योगेंद्र यादव बोले- अखिलेश सरकार बुंदेलखंड के साथ कर रही खिलवाड़
झांसी: स्वराज अभियान के तहत 10 दिन की जल-हल पदयात्रा पर निकले प्रो. योगेंद्र यादव ने तीन राज्यों का दौरा किया। इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र और महाराष्ट्र का मराठवाड़ा जिला शामिल है। पदयात्रा 21 मई से मराठवाड़ा के लातूर से 31 मई को महोबा पहुंचकर संपन्न हुई।
आम आदमी पार्टी से बाहर होने के बाद स्वराज अभियान की शुरुआत करने वाले योगेंद्र यादव ने कहा कि इन तीनों क्षेत्रों के हालात बुरे हैं पर सबसे ज्यादा प्रकोप में बुंदेलखंड का क्षेत्र है जिसके साथ यूपी की अखिलेश सरकार खिलवाड़ कर रही है। इन तीनों राज्यों में मुआवजा और खाद्यान सामग्री बांटने में सबसे फिसड्डी अखिलेश सरकार है।
केंद्र सरकार को बताया किसान विरोधी
स्थितियों को देखते हुए योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आजादी के बाद से अब तक सबसे ज्यादा किसान विरोधी सरकार है। इसका अंदाजा उसी वक्त हो गया था जब बजट में किसान बिलों में बढ़ोत्तरी करने के बजाए कटौती की गई थी।
ऊपर से इरिगेशन के नाम पर 80 हजार करोड़ की घोषणा की थी। जिसका हिसाब सरकार के पास नहीं है। यह वही सरकार है जो सूखा राहत देने में कतरा रही थी और सरकार के दो साल के उपलक्ष्य में करोड़ों रुपए खर्च कर जश्र मना रही है। यह केंद्र के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक बात है।
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इन मुद्दों पर की चर्चा
-इस पद यात्रा के समापन पर प्रो. योगेंद्र यादव ने कहा कि बुंदेलखंड में पशुओं के लिए न तो चारा है और न ही पानी।
-गांवों में रोजाना सैकड़ों की संख्या में जानवरों की मौत हो रही है।
-सरकार की व्यवस्था के बावजूद चारे की भारी किल्लत है।
-सरकार की चारा वितरण की योजना कागजों तक सीमित होकर रह गई हैं।
-इस त्रासदी को और विकराल रुप धारण करने से रोकने के लिए सरकार और समाज दोनों को आपात कदम उठाने होंगे।
-तमाम निर्देशों के बाबजूद बुंदेलखंड में राशन व्यवस्था ठप है।
-सरकार गरीबों को 5 किलो राशन एहसान के तौर पर दे रही है।
-उसमें से भी अभी कुछ लोगों के नाम काटने की फिराक में है।
-प्रदेश की अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार की जड़ों में जकड़ी NFSA प्रणाली को सफल होने में बाधा उत्पन्न कर रही है ।
-योगेंद्र ने मनरेगा में रोजगार की स्थिति गंभीर बताई।
-उन्होंने इसमें केंद्र सरकार को दोषी ठहराया।
-उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा के लिए धनराशि रिलीज करने में जानबूझ कर कोताही बरत रही है।
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ये हैं बुंदेलखंड की वास्तविक तस्वीर
-योगेंद्र यादव ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों के पास किसी भी तरह का राशन कार्ड नहीं हैं।
-अगर है तो परिवार के सभी लोगों का नाम नहीं है।
-राशन कई महीनों तक मिलता नहीं है।जब मिलता है तो पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता।
-कई गांवों में खाद्य सुरक्षा पर्ची बनाने के नाम पर लोगों से 50 रुपया तक की रिश्वत तक ली जा रही है।
-शिकायत पर उन रुपयों को बाद में वापस कराया गया।
-मनरेगा के अंतर्गत रोजगार देने में यूपी का रिकॉर्ड मध्य प्रदेश से कहीं बेहतर है फिर भी कई लोगों को मेहनताना देने में देरी की जा रही है।
यात्रा के पहले इन समस्याओं से गुजरे
-सूखे की भयावह स्थिति और सरकार की उदासीनता को देखते हुए स्वराज अभियान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
-सुप्रीम कोर्ट ने सूखा को आपदा घोषित करते हुए ऐतिहासिक फैसला दिया।
-कोर्ट ने केंद्र और राज्य की सरकारों को सूखा राहत के लिए काम करने का निर्देश दिया।
ये हुआ निर्णय
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सबको राशन मिले।
-मनरेगा के तहत रोजगार मिले, बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में भी मिड-डे मील मिले।
-सप्ताह में कम से कम तीन दिन दूध या अंडा मिले।
-सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जमीन पर उतरे और प्रभावी ढंग से लागू हो।
ये रहे पदयात्रा में शामिल
इस मौके पर अविक शाह, राजेंद्र सिंह, संजय सिंह, पी.वी राजगोपाल, डॉ. सुनीलम मौजूद रहे।
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