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भारत के भूजल में बड़े पैमाने पर यूरेनियम, मुसीबतों का पहाड़ सिर पर उठाए हम
न्यूयॉर्क : शोधकर्ताओं ने 16 भारतीय राज्यों के जलदायी स्तर के भूजल में बड़े पैमाने पर यूरेनियम पाया है। निष्कर्षों में पता चला है कि यूरेनियम का मुख्य स्रोत प्राकृतिक है, लेकिन भूजल स्तर में गिरावट, कृषि सिंचाई के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन तथा और नाइट्रेट प्रदूषण जैसे मानव कारक समस्या को बढ़ा सकते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कई अध्ययनों में पेयजल में यूरेनियम के कारण गुर्दे की गंभीर बीमारी हो सकती है।
अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय से संबद्ध अध्ययन के सह लेखक अवनर वेनगोष ने कहा, "राजस्थान में हमने सभी जल कूपों के लगभग एक-तिहाई में परीक्षण किया, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के सुरक्षित पेयजल मानकों से अधिक यूरेनियम स्तर पाया गया।"
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वेनगोष ने कहा, "पिछले जल गुणवत्ता अध्ययनों का विश्लेषण कर हमने उत्तर पश्चिमी भारत के 26 अन्य जिलों और दक्षिणी भारत के नौ जिलों में यूरेनियम के समान उच्चस्तर के साथ प्रदूषित जलदायी स्तर की भी पहचान की।"
पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने जल रसायन का विश्लेषण के लिए राजस्थान और गुजरात राज्यों के 324 कुओं से पानी का नमूना लिया था।
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नमूने के एक उपवर्ग में उन्होंने यूरेनियम आइसोटोप का अनुपात मापा। उन्होंने राजस्थान, गुजरात और 14 अन्य भारतीय राज्यों में भूजल में भू-रसायन के 68 पिछले अध्ययनों से इसी तरह के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया।
वेनगोष ने कहा, "इस अध्ययन के नतीजे भारत में वर्तमान जल-गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रमों की समीक्षा करने और यूरेनियम की उच्च प्रबलता वाले क्षेत्रों में मानव स्वास्थ्य जोखिमों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता का सुझाव देते हैं।"
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