विधानसभा मानसून सत्र: आखिरी दिन विपक्ष ने जमकर बोला हल्‍ला

sudhanshu
Published on: 31 Aug 2018 9:16 PM IST
विधानसभा मानसून सत्र: आखिरी दिन विपक्ष ने जमकर बोला हल्‍ला
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लखनऊ: यूपी विधानसभा मानसून सत्र के अखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष ने सरकार पर जमकर हल्ला बोला। बेरोजगारी और सड़को में गड़ढे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चैधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि सदन मे विपक्ष की नही सुनी गई। सभी सवैधानिक संस्थाओं पर इनका कब्जा हो गया। ज्यादातर बड़े चैनलो के मालिक भाजपा के पक्ष में है। मीडिया के साथ चुनाव आयोग भी इनके कब्जे में है। मीडिया को बड़े बड़े विज्ञापन देकर लुभवा रहे हैं। वहीं विपक्ष की खबर को मीडिया छोटा करके दिखा रहा है। लेकिन आने वाले चुनावों में जनता इनको सबक सिखाएगी। साथ ही उन्होने कहा मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले कई घोशणाये की थी लेकिन आज तक एक भी काम नही कर पाये है। वही सरकार दो-दो बजट पास होने के बाद पैसा कहा जायेगा पता नही।

धर्म को बांट कर लड़ाना चाहती है बीजेपी

नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार लोकसभा चुनावों को बीजेपी धर्म को बांट आपस में लडाना चाहती है। लेकिन जनता अब समझ चुकी है। देवरिया कांड पर बोलते हुये रामगोविंद ने कहा महिला उत्पीड़न के मामले में अंतर्राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी को पहले और गुजरात को दूसरे नंबर पर बताया। इस कांड में बीजेपी के नेता संलिप्त है। साथ ही इंवेस्र्ट समिट में सरकार ने करोड़ो रूपये खर्च कर दिया लेकिन अभी तक एक भी उद्योग पति ने यूपी सरकार से एमओयू साईन नही किया । वही सपा से अलग होने के बाद शिवपाल द्वारा समाजवादी सेक्लुयर मोर्चा बनाये जा जाने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिवपाल यादव द्वारा बनाया गया सेक्युलर मोर्चा भी सपा से अलग नही है वो भी सपा का एक अंग है।

बेरोजगारों को मिल रहे कोरे आश्‍वासन

कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बेरोजगारों को कोरे आश्‍वासन देकर सत्ता में आयी भाजपा प्रदेश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता श्री अजय कुमार ’लल्लू’ ने आरोप लगाया कि सरकार लोक संकल्प पत्र में 70 लाख नवजवानों को रोजगार देने का वादा किया था। उत्तर प्रदेश में लगभग 21 करोड़ की आबादी में युवा बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ हैं। षिक्षा मित्रों को लेकर सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है जिससे 900 से अधिक षिक्षामित्रों की मृत्यु हो चुकी हैं। 31,000 अनुदेषकों को जून में मुख्यमंत्री जी ने 17 हजार मानदेय देने का वादा किया अभी भी 8470 रूपया ही मिल रहा है।

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 3000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती नहीं की गयी है। शिक्षकों की 72,825 पदो पर भर्ती में शेष रह गये अनुसूचित जाति व जनजाति की 3487 उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थी दर-दर पर न्याय की भीख मांग रही है।उन्होंने कहा कि सरकार से 1.37 लाख शिक्षकों, 1.62 लाख पुलिसकर्मियों, उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति, अनुसूचित जाति व जनजाति उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति, मध्यान्ह भोजन रसोईयों, ग्राम रोजगार सेवक, होमगार्ड, चैकीदार, आशा बहुओं के मानदेय में के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। हाईकोर्ट के आदेश से 50 हजार शिक्षकों मंडरा रहे खतरे पर भी सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होनें सरकार पर जानबूझकर बीटीसी के शैक्षणिक सत्र 2015-16 को अनियमित करने का आरोप लगाया। उक्त सत्र के अनियमित होने के कारण लाखों छात्र आगामी प्रतियोगी परिक्षाओं से वंचित रह जायेंगे।

उन्होनें बेरोजगारों का दर्द एक कवि की कविता ‘अंधकार ये गुमनामी का मुझे बहुत डराता है, दर्द बेरोजगारी का मुझे बहुत तड़पाता है-घरवाले धक्का देते हैं और जमाना चिल्लाता है, लाख छिपाने पर भी ये दर्द आँखों से छलक जाता है’ से व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश भर में पिछले वर्ष 21 लाख पंजीकृत बेरोजगारों के सापेक्ष मात्र 63152 युवाओं को रोजगार मेले के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करा पायी है और पूरे प्रदेश में कौशल विकास के मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षिति किये 1.89 हजार युवाओं में से 69 हजार युवाओं का समायोजन किया जा सका है।

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