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इंडिया में पहली बार जन्मी जलपरी! 10 मिनट ही जी सकी मछली जैसी बच्ची
सहारनपुर: एक महिला ने शुक्रवार को एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिसे देखकर सभी दंग रह गए। महिला ने जलपरीनुमा एक बच्चे को जन्म दिया। इस नवजात बच्ची का सिर और धड़ फीमेल बेबी की तरह और नीचे का हिस्सा पूरी तरह से मछली की तरह था।
समुद्र में इस आकार का जंतु पाया जाता है, जिसे मरमेड कहा जाता है। डॉक्टर्स ने बताया कि दुनिया में यह अब तक का चौथा ऐसा केस है। हालांकि जन्म के 10 मिनट बाद ही नवजात की मौत हो गई।
अजीबो-गरीब बच्चे को देख दंग रह गए सब
-सहारनपुर नगर की लेबर कालोनी निवासी एक प्रेग्नेंट महिला का इलाज आईटीसी रोड स्थित सहीराम हॉस्पिटल में चल रहा था।
-बीते दिनों उसे इसी हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए एडमिट कराया गया था।
-29 अप्रैल की सुबह 7:10 बजे महिला को डिलीवरी के लिए लेबर रूम में ले जाया गया था।
-महिला रोग विशेषज्ञ डा. वंदना और अन्य स्टाफ जिस वक्त उस महिला की डिलीवरी करा रही थी तो पूरा स्टाफ यह देखकर दंग रह गया कि महिला ने जिस बच्चे को जन्म दिया है वह पूरी तरह से अजीबोगरीब है।
जन्म के बाद नवजात बच्ची सिर्फ 10 मिनट ही जिंदा रह सकी
-इस बच्चे का सिर और धड़ फीमेल बेबी की तरह था, जबकि नीचे का हिस्सा पूरी तरह से मछली की तरह था, यानि दोनों पैर पूरी तरह से आपस में जुड़े हुए थे।
-इस नवजात बच्ची के पंजे भी मछली के पंख की तरह फैले हुए थे।
-हैरत की बात यह है कि नवजात के प्राइवेट पार्ट भी नहीं थे।
-इस बच्चे के जन्म की जानकारी जब बच्चे को जन्म देने वाली महिला और उसके परिजनों को दी गई तो कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर रहा था।
-यह नवजात बच्ची केवल 10 मिनट तक ही जिंदा रह सकी।
महिला की थी दूसरी डिलीवरी
-सहीराम हॉस्पिटल के संचालक डा. नीरज आर्य और डा. वंदना ने बताया कि मेडिकल जगत में इस तरह के मामलों को एकोनकेनटान एबलोमल्डी का जाता है।
-इस प्रकार के केस एक लाख में से एक हो सकते हैं।
-महिला की यह दूसरी डिलीवरी थी, महिला का पहला बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ पैदा हुआ था और अब भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
इससे पहले भी विदेशों में पैदा हो चुके हैं ऐसे नवजात बच्चे
-डा. नीरज ने बताया कि 7 मई 1988 को फ्लोरिडा बेस नामक शहर में इसी तरह के एक बच्चे टिफोनी यार्क का जन्म हुआ था।
-जिसकी 24 फरवरी 2016 को मौत हो चुकी है।
-दूसरा इसी प्रकार का बच्चा 4 अगस्त 1999 को अमेरिका में जन्मा था।
-जो 2 साल तक जिंदा रहने के बाद निमोनिया के कारण मर गया था।
-तीसरा केस 24 अप्रैल 2004 को पेरू में देखने को मिला था।
-जहां मीलारोज सिरोन नाम के बच्चे का हार्ट और लंग्स ही स्वस्थ हैं, जबकि अन्य बॉडी पार्ट कमजोर हैं।
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