Paranormal Investigator Murder: आत्महत्या या हत्या? क्या है भारत के पैरानॉर्मल अन्वेषक गौरव तिवारी की मृत्यु का रहस्य?

Bhoot Pret Khojne Wale Gaurav Tiwari: गौरव तिवारी की मृत्यु आज भी एक रहस्य बनी हुई है। जबकि पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना, उनके परिवार और कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि इस घटना के पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं।

Shivani Jawanjal
Published on: 19 April 2025 1:18 PM IST
Famous Paranormal Investigator Gaurav Tiwari Murder Mystery
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Famous Paranormal Investigator Gaurav Tiwari Murder Mystery

Paranormal Investigator Gaurav Tiwari: भारत में जब भी पैरानॉर्मल घटनाओं और रहस्यमय विषयों पर चर्चा होती है, तो एक नाम हमेशा चर्चा में रहता है - गौरव तिवारी। वह एक प्रमुख पैरानॉर्मल अन्वेषक हैं, जिनकी विशेषज्ञता और अनुभव ने उन्हें इस क्षेत्र में एक सम्मानित स्थान दिलाया है। गौरव तिवारी ने अपनी पूरी जिंदगी उन अनसुलझे रहस्यों की खोज में समर्पित कर दी है, जो सामान्य समझ से परे होते हैं। उनका अन्वेषण न केवल भारत में पैरानॉर्मल अध्ययन को एक नया दृष्टिकोण और दिशा प्रदान करता है, बल्कि उनके कार्यों ने इस क्षेत्र में जागरूकता और दिलचस्पी भी बढ़ाई है। उनके योगदान और अनुभवों ने पैरानॉर्मल अध्ययन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

गौरव तिवारी का प्रारंभिक जीवन (Early Life Of Gaurav Tiwari)

गौरव तिवारी का जन्म 2 सितंबर 1984 को बिहार(Bihar) के पटना(Patna) जिले में हुआ था। उनका पालन-पोषण एक साधारण किसान परिवार में हुआ, जहाँ उनके पिता अरुण तिवारी खेती करते थे और माता सविता गृहिणी थीं। गौरव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की परीक्षा उत्तीर्ण की और इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। शुरुआत में उन्होंने टाटा कंपनी में नौकरी की, लेकिन कुछ अलग करने की इच्छा उन्हें दिल्ली खींच लाई। यहाँ उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा की तैयारी शुरू की और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुए।

गौरव तिवारी का जीवन एक सामान्य व्यक्ति की तरह शुरू हुआ। हालांकि, बचपन से ही उन्हें रहस्यमय और अनसुलझी घटनाओं में दिलचस्पी थी। कहते हैं कि उनका यह आकर्षण तब बढ़ा जब उन्होंने एक अंधेरे कमरे में कुछ असामान्य घटनाओं का अनुभव किया था। इसके बाद, उन्होंने अपनी पढ़ाई और शोध के क्षेत्र को इस ओर मोड़ने का निर्णय लिया और पैरानॉर्मल गतिविधियों के बारे में अधिक जानने के लिए उन्होंने विशेषज्ञों से संपर्क करना शुरू किया।

पैरानॉर्मल अन्वेषण की दिशा में कदम

गौरव तिवारी का पैरानॉर्मल अन्वेषण की दिशा में कदम एक दिलचस्प और साहसिक यात्रा थी। हालांकि उनका प्रारंभिक जीवन विज्ञान और इंजीनियरिंग से जुड़ा था, लेकिन उनका आकर्षण हमेशा उन रहस्यमय घटनाओं की ओर था, जिनका कोई स्पष्ट वैज्ञानिक या तार्किक व्याख्या नहीं मिलती।

गौरव तिवारी ने पैरानॉर्मल अन्वेषण में अपने कदम 2005 के आसपास रखा, जब उन्होंने इस क्षेत्र से जुड़ी घटनाओं को और अधिक गहराई से जानने का निर्णय लिया। वे न केवल एक अन्वेषक के रूप में, बल्कि एक शोधकर्ता के तौर पर भी कार्य करने लगे। उन्होंने भारत और दुनिया भर में विभिन्न घटनाओं और स्थानों पर शोध किया, जहां पर असामान्य गतिविधियाँ देखी गईं।

गौरव तिवारी ने अपनी खोजों के दौरान पारंपरिक विज्ञान और तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया, ताकि पैरानॉर्मल घटनाओं का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषण किया जा सके। उन्होंने विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे- इंटेरैक्टिव ऑडियो रिकॉर्डिंग, इन्फ्रारेड कैमरे, और इन्फ्रारेड थर्मोमीटर का इस्तेमाल किया। उनका उद्देश्य था कि वे उन घटनाओं का सटीक कारण जान सकें, जिन्हें सामान्यत: रहस्यमय माना जाता था।

इसके अलावा, उन्होंने द पैरानॉर्मल एंड घोस्ट सोसाइटी(The Paranormal and Ghost Society) जैसी संस्थाओं का गठन किया और विभिन्न टीमों के साथ मिलकर इस विषय पर शोध और अन्वेषण का कार्य किया। गौरव तिवारी के प्रयासों ने इस क्षेत्र को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता दिलाई, और उनकी खोजों ने पैरानॉर्मल अन्वेषण को एक नए दिशा में आगे बढ़ाया।

गौरव तिवारी द्वारा प्रमुख पैरानॉर्मल घटनाओं का अन्वेषण

गौरव तिवारी ने अपने करियर में कई प्रमुख पैरानॉर्मल घटनाओं का अन्वेषण किया, जिनमें से कुछ घटनाएँ भारत के विभिन्न हिस्सों में घटी थीं और कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुईं। उनकी खोजों और अन्वेषणों ने पैरानॉर्मल अध्ययन में नए आयाम जोड़े। यहाँ कुछ प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है जिनका गौरव तिवारी ने अध्ययन और अन्वेषण किया:

भानगढ़ किला (राजस्थान) - भानगढ़ किला भारत के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमय किलों में से एक है, जिसे भूतिया स्थान माना जाता है। यहां अजीब घटनाएँ और गतिविधियाँ अक्सर देखी जाती हैं। गौरव तिवारी ने अपनी टीम के साथ भानगढ़ किले का अन्वेषण किया और वहां हुई असामान्य घटनाओं को रिकॉर्ड किया। उनके अनुसार, भानगढ़ किला सचमुच में एक रहस्यमय स्थान है, लेकिन उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी घटनाओं की व्याख्या की।

मालबिका हाउस (कोलकाता) - कोलकाता के मालबिका हाउस में भी कई रहस्यमय घटनाएँ रिपोर्ट की गईं, जिनमें अचानक बत्तियाँ बंद होना, अनजानी आवाजें आना और कुछ अजीब गतिविधियाँ देखी गईं। गौरव तिवारी ने इस स्थान का अन्वेषण किया और वहां के घटनाक्रम को वैज्ञानिक तरीके से जांचा। उन्होंने इस स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके कई प्रमाण इकट्ठे किए।

हुमायूँ का मकबरा (दिल्ली) - दिल्ली के हुमायूँ के मकबरे के आसपास भी कई पैरानॉर्मल घटनाएँ हुई हैं। गौरव तिवारी और उनकी टीम ने इस स्थान का गहन अध्ययन किया और वहां की अनहोनी घटनाओं का विश्लेषण किया। यह स्थान भी भूतिया घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है, और तिवारी ने वहां के असामान्य अनुभवों को रिकॉर्ड किया।

दिल्ली का कुतुब मीनार - कुतुब मीनार भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है, जिसे लेकर कई पैरानॉर्मल रिपोर्ट्स सामने आईं। गौरव तिवारी ने इस स्थान पर भी अन्वेषण किया और विभिन्न प्रकार की अजीब घटनाओं का सामना किया। उनके अनुसार, कुतुब मीनार के आसपास की जगहों पर रात के समय असामान्य गतिविधियाँ होती थीं।

कोटला फोर्ट (दिल्ली) - कोटला फोर्ट, जिसे अब 'ब्लैक फोर्ट' भी कहा जाता है, में भी पैरानॉर्मल गतिविधियाँ देखी जाती हैं। गौरव तिवारी और उनकी टीम ने यहां अन्वेषण किया और रिपोर्ट की गई घटनाओं को रिकॉर्ड किया। यहां की गतिविधियाँ आज भी रहस्यमय बनी हुई हैं, और गौरव तिवारी ने इसे लेकर कई महत्वपूर्ण शोध किए।

आंतरिक गुजरात के रहस्यमय स्थान - गौरव तिवारी ने गुजरात के कई आंतरिक स्थानों का भी अन्वेषण किया, जिनमें रहस्यमय घटनाएँ और असामान्य गतिविधियाँ देखी गईं। इन स्थानों में अक्सर लोग अजनबी आवाजें, दृश्य और मानसिक प्रभावों का सामना करते थे। गौरव तिवारी ने इन घटनाओं के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न शोध उपकरणों का इस्तेमाल किया।

महाराष्ट्र के कुछ किले - महाराष्ट्र के कुछ किलों में भी गौरव तिवारी ने पैरानॉर्मल घटनाओं का अन्वेषण किया। इन स्थानों पर लोगों ने समय-समय पर भूतिया गतिविधियों के बारे में बताया है। तिवारी ने किलों में असामान्य घटनाओं को रिकॉर्ड किया और उनके वैज्ञानिक विश्लेषण किए।

अंतरराष्ट्रीय अन्वेषण (कैलिफोर्निया, अमेरिका) - गौरव तिवारी ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पैरानॉर्मल घटनाओं का अन्वेषण किया। एक प्रमुख घटना कैलिफोर्निया, अमेरिका में हुई, जहां एक पुरानी हवेली में असामान्य घटनाएँ हो रही थीं। उन्होंने वहां की घटनाओं को भी गहरे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जांचा।

विज्ञान और पैरानॉर्मल के बीच का संबंध

गौरव तिवारी का मानना था कि पैरानॉर्मल घटनाएं केवल तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास से नहीं जुड़ी होतीं, बल्कि इनके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण हो सकता है। वह हमेशा कहते हैं कि पैरानॉर्मल घटनाओं को समझने के लिए हमें भूत-प्रेत, आत्मा, और ऊर्जा के बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया, जैसे कि इन्फ्रारेड कैमरा, इलेकट्रॉनिक वॉयस फेनोमिना (EVP), थर्मल इमेजिंग, और अन्य तकनीकी साधन, ताकि घटनाओं को प्रमाणित किया जा सके।

गौरव का यह मानना था कि कई घटनाओं का कारण इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड, कुछ प्रकार की मानसिक स्थितियां, या अन्य प्राकृतिक घटनाओं से हो सकता है। उनके अनुसार, इस तरह की घटनाओं को समझने और हल करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।

गौरव तिवारी के अनुसंधान और उनके योगदान

गौरव तिवारी ने अपने अनुसंधान के द्वारा कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले हैं। उन्होंने भारत में पैरानॉर्मल शोध को एक नई दिशा दी है। गौरव ने इस क्षेत्र में कई किताबें लिखी हैं और उनके द्वारा किए गए शोध ने कई जिज्ञासाओं को शांत किया है।

उनका योगदान न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में पैरानॉर्मल अन्वेषण के प्रति दृष्टिकोण को बदलने में महत्वपूर्ण रहा। गौरव तिवारी के अनुसंधान से यह स्पष्ट हुआ कि हमें इस क्षेत्र में और अधिक गहरे अध्ययन की आवश्यकता है, ताकि हम इस क्षेत्र में अधिक सटीक और वैज्ञानिक निष्कर्ष प्राप्त कर सकें।

सार्वजनिक मंच पर गौरव तिवारी का प्रभाव

गौरव तिवारी का सार्वजनिक मंच पर भी काफी प्रभाव रहा है। उन्होंने विभिन्न टीवी शो और कार्यक्रमों में भाग लिया, जहाँ उन्होंने अपनी खोजों और अनुभवों को साझा या। उन्होंने एमटीवी (MTV) के शो "गर्ल्स नाइट आउट" में एक भूतिया और पारानॉर्मल विशेषज्ञ के रूप में अभिनय किया, जो भारत का पहला हॉरर/पारानॉर्मल रियलिटी शो था और इसे 2011 में एशियन टेलीविजन अवार्ड्स, सिंगापुर में बेस्ट रियलिटी शो का पुरस्कार भी मिला। इस शो का एक समान रूपांतर "हॉन्टेड वीकेंड्स विद सनी लियोन" भी था।

इसके बाद, उन्होंने "भूत आया" नामक शो में भी एक पारानॉर्मल विशेषज्ञ और मुख्य जांचकर्ता के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने कथित भूतिया घटनाओं का वर्णन किया। इसके अलावा, टीवारी ने "हॉन्टिंग: ऑस्ट्रेलिया" नामक सीरीज़ में भी भाग लिया, जो साइ-फाई(SyFy) चैनल पर प्रसारित हुई थी। इस शो में वे और अन्य ग़ोस्ट हंटर्स जैसे रोब डेमारेस्ट, इयान लॉमैन, रे जोर्डन, रेलेन केबल और एलेन टिलर ने भूतिया गतिविधियों की जांच की। तिवारी एमटीवी (MTV) के "ही टिकट" शो में भी एक मेंटर के रूप में दिखाई दिए, जहां उन्होंने भानगढ़ किले में प्रतियोगियों को मार्गदर्शन दिया।

रहस्यमय मौत का राज

भारत के प्रमुख पारानॉर्मल अन्वेषक गौरव तिवारी की मृत्यु 7 जुलाई 2016 को दिल्ली के द्वारका स्थित उनके फ्लैट में हुई। उनकी लाश बाथरूम में पाई गई, और गर्दन पर एक काली रेखा थी, जिससे पहले आत्महत्या का संदेह हुआ। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या माना, लेकिन कुछ पहलुओं ने इसे रहस्यमय बना दिया। गौरव के परिवार के सदस्य उनके लगातार पैरानॉर्मल अन्वेषणों से परेशान थे, और 6 जुलाई को उनकी पत्नी से बहस हुई थी, जिससे पारिवारिक तनाव उत्पन्न हुआ था।

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि गौरव मानसिक दबाव और थकान से जूझ रहे थे, जिससे उनकी आत्महत्या की संभावना जताई गई। वहीं, कुछ पारानॉर्मल शोधकर्ताओं का मानना था कि गौरव की मृत्यु उनके द्वारा किए गए पैरानॉर्मल अन्वेषणों के कारण हो सकती है, क्योंकि उन्होंने कई प्रेतवाधित स्थानों पर शोध किया था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या माना, लेकिन परिवार और कुछ शोधकर्ताओं ने इस निष्कर्ष पर सवाल उठाए।

गौरव की विरासत

गौरव तिवारी की मृत्यु के बाद, उनके योगदान और कार्यों को याद किया जाता है। उनकी टीम ने भारत के विभिन्न प्रेतवाधित स्थानों पर शोध किया और कई रहस्यमय घटनाओं का सामना किया। उनकी किताब द केसबुक ऑफ़ अ घोस्ट हंटर(The Casebook of a Ghost Hunter) में उनके जीवन और कार्यों का विस्तृत विवरण है।

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