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भारत में तेजी से बढ़ रहा वर्जिनिटी पाने का चलन, प्रतिमाह हजारों लड़कियां करवा रही सर्जरी
महिलाओं की आजादी की प्रतिस्पर्धा में शामिल लड़कियों में दुल्हन की वर्जिनिटी या कौमार्य कोई बड़ा मुद्दा भले ही नहीं हो, लेकिन मिडिल और अपर मिडिल में, खास तौर से रूढ़ीवादी परिवारों में अभी इन बातों को महत्व दिया जाता है।
लखनऊ: महिलाओं की आजादी की प्रतिस्पर्धा में शामिल लड़कियों में दुल्हन की वर्जिनिटी या कौमार्य कोई बड़ा मुद्दा भले ही न हो, लेकिन मिडिल और अपर मिडिल में, खास तौर से रूढ़ीवादी परिवारों में अभी भी इन बातों को महत्व दिया जाता है।
भले ही यह जरूरी नहीं है कि वर्जिनिटी भंग होने का कारण शारीरिक संबंध ही हों, लेकिन शादी के बाद पता चलता है कि लड़की का कौमार्य यानी वर्जिनिटी पहले ही भंग हो चुका है, तो शादी टूटने तक की नौबत आ जाती है। परंतु अब साइंस की तरक्की तो देखिए, इसका हल भी अब डॉक्टरों ने खोज निकाला है।
देश में खुले करीब 150 हाईमेनोप्लांस्टी क्लीनिकों में बड़ी संख्या में लड़कियां सर्जरी के जरिए खोई हुई वर्जिनिटी प्राप्त कर रही हैं। एक बातचीत में इन क्लीनिकों में आने वाली लड़कियों की संख्या प्रतिमाह औसतन चार से पांच है। यानी पूरे देश में प्रतिमाह करीब 500 से एक हजार लड़कियां वर्जिनिटी प्राप्त कर रही हैं।
तेजी से बढ़ रहा प्रचलन
यह सर्जरी सिर्फ हाईक्लाकस की लड़कियां नहीं करवा रही हैं, बल्कि अपर मिडिल और मिडिल क्लास की लड़कियां भी योनिच्छद की सर्जरी करा रही हैं। लड़कियां यह सब मजबूरन करा रही हैं ताकि उनकी शादीशुदा जिंदगी में कोई खलल नहीं आए। वर्जिनिटी वापस लाने के लिये की जाने वाली सर्जरी एक प्रकार की प्लास्टिक सर्जरी होती है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा तीस से 50 हजार का खर्च आता है। चिकित्सीय रूप से यह सुरक्षित भी है। यही कारण है कि इसका प्रचलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। इसमें पहले गायनाकोलॉजिस्ट एक रिपोर्ट तैयार करती है, जो प्लास्टिक सर्जन के पास जाती है। सर्जन एक सर्जरी के जरिए योनि की टूटी हुई झिल्ली को रिपेयर कर देता है। इस सर्जरी के लिए लड़की को मात्र 2 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती होना होता है। इसी प्रकार की एक हाइमेनोप्लास्टी होती है, जो बलात्कार की शिकार लड़कियों में की जाती है, ताकि उनका कौमार्य वापस आ सके।
इन-इन से भी भंग हो सकता है कौमार्य
आम तौर पर लोग सोचते हैं कि यौन संबंध स्थापित होने से ही कौमार्य भंग होता है। जबकि ऐसा नहीं है। कभी-कभी व्यायाम करते वक्त, साइकिल चलाते वक्त, या खेलते वक्त भी ऐसा संभव है। ऐसा होने पर जब लड़की की शादी की बात आती है, तो वो तनावग्रस्त हो जाती है। यदि उसकी शादी किसी रूढ़ीवादी परिवार में हो गई, तो पति के ताने तक सुनने पड़ते हैं। इस ऑपरेशन से लड़कियां घबराती हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं उनकी पहचान का खुलासा न हो जाए। लेकिन इस मामले में लगभग सभी क्लीनिक नियमों का पालन करते हुए कभी लड़की की पहचान किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बताते, फिर चाहे लड़की के पिता ही क्यों न पूछने आ जाए।
वैसे कई मामलों में देखा गया है, कि इस सर्जरी के लिए मां-बाप खुद अपनी बेटी को लेकर आते हैं । वैसे इस लिहाज से अच्छा भी है कि वर्जिनिटी भंग होने का कारण कुछ भी रहा हो, यदि मां-बाप साथ हैं, तो लड़की का मनोबल टूटता नहीं है।
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