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Congress Meeting: मध्य प्रदेश कांग्रेस में महाभारत,पार्टी की अहम बैठक में नहीं पहुंचे कई बड़े नेता,कमलनाथ की नाराजगी का क्या है कारण
Congress Meeting: कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी मगर इस बैठक में कमलनाथ के अलावा उनके बेटे नकुलनाथ, मीनाक्षी नटराजन, विवेक तनखा, अजय सिंह और डॉक्टर गोविंद सिंह जैसे महत्वपूर्ण नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया।
MP Congress Meeting (photo: social media )
Congress Meeting: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में इन दोनों जबर्दस्त खींचतान दिख रही है। पार्टी में गुडबाजी चरम पर पर पहुंच गई है और इसका नजारा पार्टी की अहम बैठक के दौरान भी दिखा। भोपाल में पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता कमलनाथ समेत कई महत्वपूर्ण चेहरे गायब दिखे। इसे लेकर भाजपा ने निशाना भी साधा है।
कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी मगर इस बैठक में कमलनाथ के अलावा उनके बेटे नकुलनाथ, मीनाक्षी नटराजन, विवेक तनखा, अजय सिंह और डॉक्टर गोविंद सिंह जैसे महत्वपूर्ण नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद इन चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है कि पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
मई में कांग्रेस के बड़े अभियान की तैयारी
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की ओर से अगले महीने संविधान बचाओ अभियान चलाए जाने की तैयारी है। इस अभियान के तहत 3 मई से 10 मई तक हर जिले में रैली निकाली जाएगी। इसके बाद 11 मई से 17 मई के बीच हर विधानसभा क्षेत्र में रैली का आयोजन किया जाएगा। फिर 20 मई से 30 मई तक डोर टू डोर अभियान चलाने की तैयारी है। कांग्रेस के इस बड़े अभियान पर चर्चा करने के लिए पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई थी मगर इस बैठक के दौरान पार्टी की गुटबाजी उजागर हो गई।
कांग्रेस की इस अहम बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने हिस्सा लिया। बैठक में पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी और एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्यों ने तो हिस्सा लिया मगर पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता कमलनाथ इस बैठक में नहीं पहुंचे। उनके बेटे नकुलनाथ ने भी बैठक से दूरी बनाए रखी।
कमलनाथ और प्रदेश अध्यक्ष के बीच खींचतान
मध्य प्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बीच खींचतान की खबरें पहले से ही सुनी जाती रही है। मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ भड़ास निकाली थी। जानकारों का कहना है कि केंद्रीय स्तर पर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया था कि प्रदेश नेतृत्व की ओर से उनसे कोई बात नहीं की जाती।
कमलनाथ का कहना था कि उन्हें पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में भी सूचना नहीं दी जाती। कमलनाथ के इस बयान के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की जमकर खिलाफत की गई थी। जनवरी में महू में हुई एक रैली की तैयारी संबंधी बैठक को लेकर भी कमलनाथ ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संबंध में वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा किया जाना चाहिए।
अभियान की सफलता पर उठने लगे सवाल
अब कांग्रेस की ओर से जनवरी में छेड़े जाने वाले बड़े अभियान को लेकर भी मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद पार्टी में एकजुटता नहीं दिख रही है और पार्टी के नेताओं के बीच आपस में ही महाभारत छिड़ी हुई है।
पार्टी में चल रही इस गुटबाजी और खींचतान को लेकर भाजपा की ओर से तंज भी कसा जा रहा है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक राज्य इकाई के नेताओं के बीच मतभेद को दूर करने में कामयाब नहीं हो सका है। ऐसे में पार्टी के आगामी अभियान की कामयाबी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।