Rewa News: 'पैसा फ़ेंक तमाशा देख’ जैसा बना शिक्षा अधिकारी का दफ्तर!

Rewa News: छोटे-छोटे कामों के लिए भी यहां लोग महीनों से चक्कर काटते दिख जाते हैं। यहां तक कि खुद डीईओ शासन स्तर से ज़ारी होने वाले निर्देशों का क्रियान्वयन अपने अधिनस्थों से नहीं करा पा रहे हैं।

Amar Mishra (Rewa)
Published on: 7 March 2023 6:34 AM GMT (Updated on: 7 March 2023 6:36 AM GMT)
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Rewa news (photo: social media )

Rewa News: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इन दिनों दलाली का अड्डा बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी की अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर पकड़ ढीली पड़ चुकी है, जिसकी वजह से यहां बिना पैसा दिए कोई काम नहीं हो पता है। छोटे-छोटे कामों के लिए भी यहां लोग महीनों से चक्कर काटते दिख जाते हैं। यहां तक कि खुद डीईओ शासन स्तर से ज़ारी होने वाले निर्देशों का क्रियान्वयन अपने अधिनस्थों से नहीं करा पा रहे हैं।

ऑफिस में ‘बाबू राज’ हुआ हावी

सूत्र बताते हैं कि कार्यालय में अनियमितता के चलते न तो शिक्षकों की वरिष्ठता सूची की विसंगतियों को दूर किया जा रहा, न ही नवीन संवर्ग के शिक्षकों की एनपीएस कटौती को खाते में जमा कराया जा रहा। मनमानी का आलम यह है कि न्यायालय के निर्देशों का क्रियान्वयन भी समय सीमा में नहीं किया जा रहा है। विभागीय जांच में प्रक्रियाधीन लिपिक को डीईओ कार्यालय में अटैच किया गया है। किसी भी सेक्शन में बिना पैसे दिए काम नहीं हो रहा है। डीईओ स्वयं चाटुकारों के इशारे पर काम कर रहे हैं।

कोर्ट के सख्त निर्देश के बावजूद फिर से ऐसे व्याख्याता को एपीसी रमसा का प्रभार दे दिया गया, जो पंद्रह वर्षो से विद्यालय नहीं गया। जबकि न्यायालय ने अजय निगम की याचिका को खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की थी, कि ऐसे शिक्षक जिनकी रुचि पढ़ाने मे न होकर कार्यालयों मे पद पर बने रहने में है, उन्हें तुरंत विद्यालय में उपस्थित होकर बच्चों को रूचि लेकर पढ़ाना चाहिये। इसके बावजूद ऐसा होता दिखाई नहीं दी रहा है।

डीईओ की कार्यशैली पर भी सवाल

कलेक्टर के अनुमोदन पर जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रभार संबंधी आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश मे उल्लेख किया गया है कि एपीसी रमसा के रिक्त पद पर अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाती है। इसके बाद एक बार फिर डीईओ की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। बताया गया है कि पूर्व में रमसा में हुए घोटाले में ईओडब्लू को जानबूझकर गलत जानकारी भेज कर गुमराह किया जा रहा है। वैसे जल्द ही अनुदान घोटाले में शामिल कई पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने की खबर सामने आ रही है। चर्चा यह भी है कि सभी आरोपियों को टीआरएस के तीन पूर्व प्राचार्यों की तरह जेल जाना पड़ सकता है, हालांकि अंतिम निष्कर्ष इस जांच के बाद ही निकलेगा।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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