TRENDING TAGS :
MP News: रिश्वत लेने के बाद घूसखोर रीडर पुलिस को चकमा देकर हुआ फरार, लोकायुक्त पुलिस की बोलती हुई बंद
MP News Today: रीवा सम्भाग के सतना जिले में रिश्वत खोर रीडर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया दंग रह गई लोकायुक्त पुलिस रिश्व्त का पैसा लेते ही घूंसखोर रीडर पकडे़ जाने के डर से दीवार फांद कर भाग गया
रिश्वत लेने के बाद घूसखोर रीडर पुलिस को चकमा देकर हुआ फरार। (Social Media)
Rewa News: रीवा सम्भाग के सतना जिले में रिश्वत खोर रीडर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया दंग रह गई लोकायुक्त पुलिस रिश्व्त का पैसा लेते ही घूंसखोर रीडर पकडे़ जाने के डर से दीवार फांद कर भाग गया। लोकायुक्त टीम देखती ही रह गई। यह मामला सतना जिले के मैहर तहसील का है। रीडर द्वारा पैसा लेकर भागने का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लोकायुक्त पुलिस रीवा में की शिकायत
बताया गया है कि फरियादी नारायण सोनी निवासी सोनवारी तहसील मैहर सतना ने लोकायुक्त पुलिस रीवा में शिकायत की थी। अपने शिकायती आवेदन में फरियादी ने बताया था कि उसके द्वारा मैहर में एक प्लॉट खरीदा गया था। जिसके नामांतरण के लिए तहसील न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। लेकिर तहसीलदार का रीडर विनोद गुप्ता सहायक वर्ग दो द्वारा बिना घूंस की रकम लिए नामांतरण नहीं किया जा रहा था। मामले की शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम द्वारा जांच की गई। आरोप सही पाए जाने पर टीम द्वारा आरोपी को रंगे हांथो गिरफ्तार करने के लिए टीम भेजी गई।
पैसा लेते ही आरोपी बाउण्ड्री फांद कर भागा
बताया गया है कि अपनी योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लए लोकायुक्त की टीम सिविल ड्रेस में परिसर में घूम रही थी। इसी दरमियान आरोपी रीडर ने जैसे ही घूंस की रकम अपने हाथों में ली, उसे कुछ शंका हुई। पैसा लेते ही आरोपी ने दौड़ लगा दी। परिसर की बाउण्ड्री फांद कर वह भाग गया। लोकायुक्त पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
कार्रवाई के दौरान टीम की गठित
कार्रवाई के दौरान टीम में डीएसपी राजेश पाठक, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, सुरेश कुमार, पवन पाण्डेय, आरक्षक धर्मेन्द्र जायसवाल, सुजीत कुमार, लवलेश पाण्डेय, शिवेन्द्र मिश्रा सहित 12 सदस्यीय रीवा की टीम शामिल रही ।
2019 में भी हुई थी कार्रवाई
आरोपी विनोद गुप्ता के खिलाफ 2019 में भी लोकायुक्त टीम द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। मझगवां तहसील में अपनी पदस्थापना के दौरान आरोपी को लोकायुक्त टीम ने 5 हजार की रिश्वत लेते पकडा था। जिसका मामला चल रहा है।
विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में
पूर्व में भी रिश्वत के आरोपी को फिर से रीडर का प्रभार दिया जाना विभाग और अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में लाकर खड़ा कर रहा है। पूर्व में जहां आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है ऐसे में फिर से रीडर जैसा महत्वपूर्ण पद देना अधिकारियां की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!