उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने किया बड़ा ऐलान, कहा- भारत में बनाये जाएंगे 100 नए हवाई अड्डे

Aditya Mishra
Published on: 4 Sept 2018 6:29 PM IST
उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने किया बड़ा ऐलान, कहा- भारत में बनाये जाएंगे 100 नए हवाई अड्डे
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नई दिल्ली: केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि अगले 10 से 15 वर्षों के दौरान देश में 100 नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा। इनमें करीब 4260 अरब रुपये (60 अरब डॉलर) का निवेश होगा। इन हवाई अड्डों का निर्माण सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) फार्मूले पर किया जाएगा।

प्रभु ने मंगलवार को यहां इंटरनेशनल एविएशन समिट के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज विकास दर की वजह से यहां नागर विमानन क्षेत्र में यातायात वृद्धि दो अंकों में हो रही है। इसी वजह से अगले दसे से पंद्रह वर्षों में कम से कम 100 नए हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा।

यह हवाई अड्डे मुख्यत: पीपीपी फार्मूले पर विकसित होंगे, जिन पर करीब 60 अरब डॉलर का निवेश होगा। उन्होंने बताया कि सरकार एक कार्गो नीति को तैयार करने पर भी काम कर रही है ताकि हवाई मार्ग से होने वाले माल परिवहन को सही दिशा मिल सके।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आएटा) के डाइरेक्टर जनरल एवं सीईओ अलेजेंड्र डी जुनियेक ने कहा कि भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं की काफी कमी है और इस बारे में सरकार से नीतिगत सहायता की आशा की जा रही है।

सुरेश प्रभु ने कहा कि वर्ष 2037 तक भारत में चाहे घरेलू हो या अंतर्राष्ट्रीय, करीब 50 करोड़ लोग उड़ान भरेंगे। इसलिए इसके अनुरूप ढांचागत सुविधाओं का विकास होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ नागरिक उड्डयन क्षेत्र में ही लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इस क्षेत्र से देश के सकल घरेलू उत्पाद में करीब ड़ेढ़ फीसदी की हिस्सेदारी है।

स्पष्ट नीति बने

आएटा ने भारत सरकार से कहा कि देश में नए हवाई अड्डों के निर्माण के लिए एक समन्वित एवं स्पष्ट नीति बने क्योंकि यहां ढांचागत सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या है। यही चीज देश में हवाई सेवा के विस्तार पर व्यापक असर डालेगा। उनका कहना है कि भारत में हवाई जहाज में यात्रा करने वाले यात्री को ढूंढना तो आसान है लेकिन इस बाजार में राशि अर्जित करना बेहद मुश्किल है। जब तक यहां विमानन उद्योग फायदे में नहीं आएगा, तब तक सेवा में विस्तार को पंख नहीं लगेगा। इसके लिए सरकार से स्पष्ट नीति की अपेक्षा की जाती है, बैंड-एड या चलताउ समाधान की नीति से काम नहीं चलेगा।

आएटा का कहना है कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अगले दस वर्षों के दौरान भारत के जर्मनी, जापान, स्पेन और ब्रिटेन से आगे बढ़ने की उम्मीद है ताकि वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हवाई यात्रियों का बाजार बन सके।

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