पूर्व पीएम नेहरू का लेटर सामने आने से बैकफुट पर पहुंची कांग्रेस

Newstrack
Published on: 24 Jan 2016 3:52 PM IST
पूर्व पीएम नेहरू का लेटर सामने आने से बैकफुट पर पहुंची कांग्रेस
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लखनऊ. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को बुंदेलखंड पार्टी की हवा बनाने आए थे, लेकिन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गोपनीय फाइलों के सार्वजनिक होते ही कांग्रेस बैकफुट पर आती दिखायी दी। गोपनीय दस्तावेजों में जवाहर लाल नेहरू का ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लोमेंट एटलो को लिखा 26 दिसंबर, 1945 का पत्र भी जिन्न की तरह बाहर आ गया, जिसमें उन्होंने नेताजी को 'वॉर क्रिमिनल' लिखा था।

नेहरू जी ने पत्र में कथित रूप से जिक्र किया था कि 'वॉर क्रिमिनल' सुभाष चन्द्र बोस को स्टालीन ने रूस में आने की इजाजत दी, जो रूस की ओर से विश्वास का हनन है। रूस ,अमरीका और ब्रिटेन के एलायंस को सपोर्ट करता है। इस मामले में जो सही लगे वो कार्रवाई करें। इस पत्र के सार्वजनिक होते ही कांग्रेस में तिलमिलाहट तेज हो गई है। उन्होंने पत्र को नकली बताया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की भी ये कहकर आलोचना की है कि केंद्र सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है, ताकि विवाद बढ़े। इससे कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि चीजें उलझती जाएंगी।

कांग्रेस प्रवक्त आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी ऐसे लोगों का नाम उजागर करेगी, जिसने ऐसे नकली पत्र नेताजी के दस्तावेज में शामिल किए हैं। वहीं, नेताजी के परिवार वालों ने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताये कि 70 साल तक सुभाष चन्द्र बोस के दस्तावेज को छुपाकर क्यों रखा गया। ये शोध का विषय है कि पत्र नकली है या असली। यदि नकली है तो ऐसे लोगों के नाम भी सामने आएंगे। हालांकि कांग्रेस के लिये राहत की बात बस इतनी है कि पत्र में नेहरू के हस्ताक्षर नहीं हैं।

महोबा में ये भूल गए राहुल

राहुल शनिवार को बुंदेलखंड का दौरा करने गए थे। वहां, उन्होंने किसानों की बदहाली पर केंद्र सरकार को खूब खरीखोटी सुनाई, लेकिन उनका ये दौरा नेताजी की जारी 100 सीक्रेट फाइल के बीच कहीं खो गया। राहुल के दौरे से ज्यादा चर्चा हुई, तो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के इस पत्र की। राहुल ने न वहां इस मुद्दे पर कोई जिक्र किया और न ही कांग्रेस का उस पत्र को लेकर कोई रुख साफ किया। उन्होंने सिर्फ किसानों की खराब हालत के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया और मोदी को बताया कि बुंदेलखंड हिंदुस्तान में ही है।

बीजेपी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

केंद्र में शासन कर रही बीजेपी ने राजनीतिक दांव खेलते हुए इस मामले में चुप्पी साध रखी है। उसकी तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। नेताजी के दस्तावेजों को सार्वजनिक करते हुए पीएम मोदी ने भी अपनी ओर से इस मामले में कुछ नहीं कहा। अब पूरा जवाब कांग्रेस को देना होगा और पार्टी के अब तक के सबसे बड़े नेता रहे जवाहर लाल नेहरू का बचाव भी करना होगा। हालांकि पत्र को नकली साबित करना भी एक बड़ी चुनौती है।

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