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23 जुलाई से समाजवादी पार्टी चलाएगी सोनभद्र कूच करो अभियान
लखनऊ। समाजवादी पार्टी बीती 17 जुलाई को सोनभद्र के गांव उम्भा में हुए भीषण नरसंहार में मृत 10 लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने और इस घटना पर जनता का रोष जताने के लिए आगामी 23 जुलाई को सोनभद्र कूच करो अभियान चलाएगी। इस अभियान में पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी बीती 17 जुलाई को सोनभद्र के गांव उम्भा में हुए भीषण नरसंहार में मृत 10 लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने और इस घटना पर जनता का रोष जताने के लिए आगामी 23 जुलाई को सोनभद्र कूच करो अभियान चलाएगी। इस अभियान में पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
सपा प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष एवं सदस्य विधान परिषद नरेश उत्तम पटेल 22 जुलाई को मिर्जापुर पहुंचकर वहां पर कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे तथा रात्रि विश्राम मिर्जापुर में करेंगे। 23 जुलाई की सुबह मिर्जापुर से सोनभद्र की विधानसभा राबर्ट्सगंज में पार्टी द्वारा आयोजित सोनभद्र तक कूच करो कार्यक्रम में भाग लेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर तुरन्त पार्टी के एक प्रतिनिधि मण्डल को पीड़ित परिवारों के सहायता के लिए सोनभद्र भेजा गया था लेकिन भाजपा की निरंकुश संवेदनहीन सरकार के अधिकारियों ने पदाधिकारियों को पीड़ितों से भेंट तक नहीं करने दी।
सपा प्रतिनिधिमण्डल में सत्य नारायन राजभर, जगदम्बा सिंह पटेल, आशीष यादव, अविनाश कुशवाहा, रमेश दुबे, जाहिद बेग, आरिफ सिद्दीकी शामिल थे। स्थानीय अन्य लोगों से प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों को कुछ जानकारी हुई हैं जिससे स्पष्ट होता है कि सोनभद्र का जिला प्रशासन दबंग लोगों के समक्ष नतमस्तक रहा और गरीब, बेसहारा, निरीह आदिवासी जुल्मों के शिकार होते रहे।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि मृतक परिवार के परिजनों को 20-20 लाख रूपये मुआवजा तथा घायलों को पांच-पांच लाख रूपये मुआवजा दिया जाय। गांव के प्रत्येक मृतक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाय। जिस जमीन के लिए खूनी नरसंहार हुआ उस जमीन को आदिवासियों को आवंटित कर राजस्व अभिलेख में उनका नाम स्थायी रूप से दर्ज किया जाय।
फास्ट ट्रैक कोर्ट बने
सोनभद्र के उम्भा गांव के नरसंहार की घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाय। अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर अविलम्ब सजा दिलाई जाय। भू-माफिया, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराने के साथ ही उनकों नौकरी से बर्खास्त किया जाय।
सोनभद्र और मिर्जापुर के आदिवासी जनजातियां जिन सरकारी जमीनों पर बसी हुई हैं उनका भौतिक सत्यापन कर राजस्व अभिलेख में उनका नाम दर्ज किया जाय तथा उम्भा गांव के प्रत्येक परिवार को पक्का आवास उपलब्ध किया जाय।
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