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नवरात्री में देवबंद से शुरू होंगी सपा-बसपा की साझा रैलियां
राजेन्द्र चौधरी ने कहा प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन से राजनीति में एक नई लहर पैदा हुई है। अखिलश यादव का मानना है कि विचारधारा पर आधारित इस गठबंधन के प्रति जनता में बढ़ते रूझान से भाजपा खेमें में घबराहट और बौखलाहट है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की संयुक्त चुनाव रैलियां चरणबद्ध तरीके से होली बाद शुरू हो जाएंगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इन संयुक्त रैलियों की शुरूआत नवरात्र के पवित्र दिनों में होगी। पहली संयुक्त रैली सात को देवबंद में होगी जिसको बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह सम्बोधित करेंगे। इस तरह की रैलियां पूरे सूबे में होंगी जिसमें गठबंधन के नेता संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे।
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा राज में जीएसटी, नोटबंदी के चलते कुटीर उद्योगधंधे बंद हो गए है। बड़ी संख्या में नौजवान बेरोजगार हो गए हैं। उनका भविष्य अंधकारमय है। किसान बदहाली की जिंदगी जी रहा है। उसको फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। गन्ना किसान बकाये की आस में सांसे गिन रहा है। कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही हैं। महिलाएं असुरक्षा की शिकार हैं।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन से राजनीति में एक नई लहर पैदा हुई है। अखिलश यादव का मानना है कि विचारधारा पर आधारित इस गठबंधन के प्रति जनता में बढ़ते रूझान से भाजपा खेमें में घबराहट और बौखलाहट है। इससे भाजपा नेता सन्निपात की हालत में आकर विपक्ष के खिलाफ ऊल-जुलूल टिप्पणियां कर रहे हैं। लेकिन जनता अब उनके बहकावे में आनेवाली नही है। उसे भाजपा का पूरा चरित्र मालूम हो गया है इसलिए अब 2019 के चुनावों में नया प्रधानमंत्री और नई सरकार चुनने के दृढ़ संकल्प से मतदाता को कोई भी ताकत डिगा नहीं सकती|
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