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उबल रहा है दुधवा, कुर्सी पर जमीं है डीएम, आखिर कौन बचा रहा है ?
लखनऊ: यूपी सरकार ने वेलेंटाइन डे (14 फरवरी) को राज्य पर्यटन दिवस के रूप में मनाया लेकिन एक डीएम के करनामों के कारण यूपी में टूरिज्म किस तरह प्रभावित हो रहा है इसे कोई भी गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है। यूपी के अंतर्राष्ट्रीय फेम दुधवा नेशनल पार्क के कर्मचारी डीएम किंजल सिंह की हरकतों के कारण परेशान हैं। वन कानून का उल्लघंन और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी उनके लिए अब आम है।लखनऊ से 130 किलोमीटर दूर इंडो नेपाल सीमा पर बना दुधवा नेशनल पार्क देश विदेश के टूरिस्टों को लुभाता रहा है।आंदोलन में गुरुवार को उस समय आग लगी जब टूरिस्टों को सैर कराने वाले हाथी भी कर्मचारियों ने अधिकारियों को सौंप दिए। हड़ताली कर्मचारियों की योजना हाथियों को लखनऊ में अधिकारियों के हवाले करने की थीा लेकिन ये संभव नहीं हो सका। इससे पहले कर्मचारियों ने सुरक्षा के लिए दिए हथियार वापस किए थे तो सफाई करने वालों ने अपने झाडू़ सौंप दिए थे।
कर्मचारियों की हड़ताल से रेवन्यू का रोज लाखों का नुकसान हो रहा है। टूरिस्ट आते हैं और मायूस लौटते हैं। सीएम अखिलेश यादव न तो डीएम पर कोई कार्रवाई करने के मूड में दिख रहे हैं और न ही इस समस्या को सुलझाने। कर्मचारियों के अनुसार डीएम साहिबा देर रात में तेज म्यूजिक बजाते पार्क में घुसती हैं मानों जानवर उनकी मर्जी से सोएंगे और जगेंगे। नौकरशाही के महकमें में इस बात की फुससुुसाहट है कि किंजल सिंह की राजनीतिक सर्किल में बड़ी पकड़ है और उन पर कार्रवाई की हिम्मत कोई नहीं कर सकता।
यूपी के नियुक्ति विभाग के एक बड़े अधिकारी ने newztrack.com से कहा कि सिर्फ सीएम ही डीएम को वापस बुला सकते हैं। और किसी में यह हिम्मत नहीं है। अधिकारी के अनुसार दुधवा में हालात सामान्य होने के बाद ही किंजल को हटाया जा सकता है। मिल रहे राजनीतिक फेवर से वे अभी तो अपने पद को अच्छी तरह से इंज्वाय कर रही हैं।
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