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राष्ट्रपति चुनाव होगा आसान, नतीजों के बाद मोदी सरकार को नहीं चाहिए अब किसी का साथ
देश के पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के नतीजों से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में काफी उल्लास है। वह यूपी में प्रचंड बहुमत हासिल करने जा रही है। उत्तराखंड से भी कांग्रेस को सत्ता से साफ कर दिया है।
नई दिल्ली : देश के पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के नतीजों से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में काफी उल्लास है। वह यूपी में प्रचंड बहुमत हासिल करने जा रही है। उत्तराखंड से भी कांग्रेस को सत्ता से साफ कर दिया है।
साथ ही मणिपुर और गोवा में दोनों कड़े मुकाबले में है। हालांकि पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है। इन नतीजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लिए राष्ट्रपति चुनावों की राह और भी आसान कर दी है।
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अपने दम पर चुन सकती है राष्ट्रपति
-जुलाई में राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपने मनचाहे उम्मीदवार को जिताने के लिए बीजेपी को यूपी में कम से कम 150 सीटें चाहिए थीं।
-लेकिन चुनावी परिणाम में उसे 300 से अधिक सीटें मिली हैं।
-बीजेपी यूपी में 300 सीटें जीतती है तो उसे राष्ट्रपति चुनाव के लिए 62,400 वोट मिलेंगे।
-इस तरह से अब वह अपने दम पर राष्ट्रपति चुन सकती है।
-मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल जुलाई में पूरा हो रहा है।
-राष्ट्रपति इलेक्टोरल कॉलेज में बीजेपी के पास अभी 3.80 लाख वोट हैं।
-अपने पसंदीदा उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए बीजेपी को 5.49 लाख वोट की जरूरत होगी,
जिसमें उसके पास जरूरत से 1.7 लाख वोट कम हैं।
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70 हजार वोटों की जरूरत
-अगर केंद्र और राज्यों में बीजेपी के साझीदारों को वोट करीब 1 लाख हैं। ऐसे में पार्टी को 70 हजार और वोटों की जरूरत पड़ेगी।
-इस स्थिति में यूपी चुनाव का रिजल्ट बीजेपी के लिए बहुत जरूरी था।
-यूपी में कुल 403 विधान सभा सीटें हैं, जिनका राष्ट्रपति के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल वोट 83,824 होता है।
-उत्तराखंड में भी बीजेपी की ताकत बढ़ गई और पिछले बार की तुलना में उसके विधायक दोगुने होने जा रहे हैं।
ऐसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव
-राष्ट्रपति का चुनाव लोक सभा, राज्य सभा और सभी राज्यों के सभी सदनों (विधान सभा और विधान परिषद) के के संयुक्त वोटों से होता है।
-संसद या राज्य की विधान सभा में नामित सदस्यों का वोट राष्ट्रपति चुनाव में मान्य नहीं होता।
-राष्ट्रपति चुनाव में हर वोट का मूल्य 1971 की जनगणना के आधार पर किया जाता है।
-इसलिए राष्ट्रपति चुनाव में हर राज्य के विधायकों के वोट का मूल्य अलग-अलग होता है।
-देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के कारण यूपी के विधायकों के वोट का मूल्य सर्वाधिक (208) है।
-वहीं सिक्किम के विधायकों के वोट का मूल्य सबसे कम (7) है।
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