अंतर्मन को छुआ प्राची के चित्रों ने

Dr. Yogesh mishr
Published on: 10 March 2008 6:44 PM IST
दिनाँक: 1०-०3-०8
कला मानवीय भावों की अभिव्यक्ति है तो चित्र एक चाक्षुष अभिव्यक्ति है। नवोदित कलाकार प्राची रस्तोगी ने चित्रकला के माध्यम से अपनी संवेदनात्मक अभिव्यक्ति को जो दृश्य भाषा प्रदान की, उसने समय, क्षेत्र और देश की सीमाओं को तोडक़र स्त्री के जीवन के विभिन्न मर्मस्पर्शी और सौन्दर्यबोधक आयामों को न केवल केनवास में रोचक रंग दिये बल्कि लखनऊ के कैसरबाग स्थित ललित कला अकादमी की लाल बारादरी में अपनी 4० चित्रकृतियों से तीन दिन तक आगंतुकों के अंतर्मन को गुदगुदाया। कलादीर्घा में इस चित्र प्रदर्शनी का उद्ïघाटन सहारा समूह की उपप्रबंध कार्यकर्ता स्वप्ना राय ने किया। प्राची की सराहना करते हुए उसकी बनायी एक कृति का क्रय भी किया। युवा चित्रकार दंपत्ति प्रेरणा-उमेन्द्र से चित्रकला सीखने वाली प्राची ने ‘औरे’ यानी कलाकार की कृतियां शीर्षक से लगायी प्रदर्शनी में एक्रेलिक रंगों का खूबसूरत इस्तेमाल किया और चित्रों में चेहरों को केन्द्र में रखकर भावों को जगाने का प्रयास किया। प्रदर्शनी 17 से 2० फरवरी तक चली।

-योगेश मिश्र
Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!