भारतीय किसान यूनियन महापंचायत

Dr. Yogesh mishr
Published on: 8 April 2008 5:45 PM IST
दिनांक : ०8.०4.2००8
सिसौली में सर्वदलीय किसानों पर अत्याचार के विरोध में बुलाई गयी महापंचायत आंकड़ेबाजी की भेंट चढ़ गयी। हर कोई किसानों की संख्या का अंदाजा लगा रहा था। खुद टिकैत ने इस प्रतिनिधि से किसानों की तादाद जाननी चाही। दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार प्रांत से इकट्ïठे हुए करीब दो लाख किसानों ने सभी दल के नेताओं को सुना। सभी नेताओं ने किसानों पर भ्रष्टïाचार, गन्ने की कीमत का भुगतान, बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी पर भाषण दिये।

रालोद के अजित सिंह व सांसद अवतार सिंह भड़ाना पंचायत स्थल डीएवी इंटर कालेज तक हैलीकाप्टर से आये। जिसमें भड़ाना सब नेताओं के बाद आये और सबसे पहले उड़ान भर ली। इन्होंने अजित सिंह व किसान नेता टिकैत को बिना सुने रवानगी कर दी। भड़ाना ने करीब आधा दर्जन नेताओं को नहीं सुना।

महापंचायत को रालोद के अजित सिंह, अनुराधा चौधरी, सपा के धर्मेन्द्र यादव, शिवपाल यादव, रशीद मसूद, वीरेंद्र सिंह, निर्दलीय विधायक इमरान मसूद, पूर्व सांसद सोमवीर व हरेन्द्र मलिक तथा भाजपा के बाबू हुकम सिंह ने संबोधित किया। आखिर में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने कहा, ‘‘मुझ पर अत्याचार हुआ तो मैंने झेल लिया। ऐसा किसी भी दल के किसान के साथ हो सकता है।’’ टिकैत ने मंच से अपनी राय दी, ‘‘सभी दल के नेता पंचायत कर लें वे जहां कहेंगे किसान वहीं मुहर लगा देगा। बिना किसी नतीजे पर पहुंचे महापंचायत विसर्जित हो भी गयी।’’ एक किसान ने प्रतिक्रिया व्यक्त की, ‘‘इस महापंचायत का लक्ष्य किसानों की संख्या बल का प्रदर्शन नहीं था।’’

क्या आप प्रशासन से भयभीत हो गये, प्रशासन का आप पर कोई दबाव था क्या, इस सवाल के जवाब में उन्होंने ‘आउटलुक’ साप्ताहिक से कहा, ‘‘राकेश और सुरेंद्र मेरे दोनों बेटों को कब्जे में कर लिया था। मेरी जगह कोई और भी होता तो दबाव में आ जाता।’’
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