Advertisement
Advertisement
TRENDING TAGS :
दो दिवसीय बैंक बंदी करोड़ों का कारोबार ठप
लखनऊ, 24 सितम्बर। राजधानी में आज से शुरू हुई दो दिन की बैंक हड़ताल ने लाखों लोगों को मुसीबत में डाल दिया। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नौ लाख से अधिक कर्मचारियों की हड़ताल का बड़ा असर राजधानी पर भी पड़ा। निजीकरण का विरोध करने उतरे बैंक कर्मी दो दिन की हड़ताल पर हैं। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले राजधानी में विभिन्न बैंकों की प्रमुख शाखाओं पर सभी कर्मचारी एकत्र हुये औंर उन्होंने सरकारी विरोधी नारे लगा कर बैंकों के निजीकरण का पुरजोर विरोध करने का ऐलान किया। बैंक कर्मियों के नेताओं का कहना था कि उनके सामने अब हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वहीं बैंक प्रबंधन ने बताया कि इस एक दिन की हड़ताल से कई करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है।
दूसरी तरफ राजधानी के कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि आज से बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो रही है। हालांकि बैंक यूनियन की ओर से इसकी घोषणा एक सप्ताह पूर्व ही कर दी गयी थी। बैंकों पर अपने लेन-देन के लिये पहुंचे कई उपभोक्ताओं को निराशा हाथ लगी। वहीं कार्यदिवस होने के कारण शाम तक एटीएम मशीनों में भी पैसा खत्म हो गया था। कई बैंकों के एटीएम भी खाली हो गये थे। लिहाजा लोगों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। उनका कहना था कि आज तो किसी तरह काम चल गया पर कल भी हड़ताल है इसलिये दिक्कत होगी। गौरतलब है कि इस फोरम में नौ अखिल भारतीय यूनियनें और संगठन शामिल रहे। यह फोरम निजीकरण की सरकारी नीति का विरोध कर रहा है। हड़ताल के दौरान राजधानी के सभी सार्वजनिक बैंक शाखाओं में सामान्य कामकाज ठप रहा। बैंकों के मुख्य द्वार पर ताले लटकते मिले। इनमें भारतीय स्टेट बैंक सहित उसके छह सहयोगी बैंकों की शाखाएं शामिल रहीं। हड़ताल के दौरान क्लीयरिंग परिचालन, नकद लेनदेन, विदेशी मुद्रा और मुद्रा बाजार के परिचालन पर भी असर पड़ा ।
दूसरी तरफ राजधानी के कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि आज से बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो रही है। हालांकि बैंक यूनियन की ओर से इसकी घोषणा एक सप्ताह पूर्व ही कर दी गयी थी। बैंकों पर अपने लेन-देन के लिये पहुंचे कई उपभोक्ताओं को निराशा हाथ लगी। वहीं कार्यदिवस होने के कारण शाम तक एटीएम मशीनों में भी पैसा खत्म हो गया था। कई बैंकों के एटीएम भी खाली हो गये थे। लिहाजा लोगों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। उनका कहना था कि आज तो किसी तरह काम चल गया पर कल भी हड़ताल है इसलिये दिक्कत होगी। गौरतलब है कि इस फोरम में नौ अखिल भारतीय यूनियनें और संगठन शामिल रहे। यह फोरम निजीकरण की सरकारी नीति का विरोध कर रहा है। हड़ताल के दौरान राजधानी के सभी सार्वजनिक बैंक शाखाओं में सामान्य कामकाज ठप रहा। बैंकों के मुख्य द्वार पर ताले लटकते मिले। इनमें भारतीय स्टेट बैंक सहित उसके छह सहयोगी बैंकों की शाखाएं शामिल रहीं। हड़ताल के दौरान क्लीयरिंग परिचालन, नकद लेनदेन, विदेशी मुद्रा और मुद्रा बाजार के परिचालन पर भी असर पड़ा ।
Next Story
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!