Advertisement
Advertisement
TRENDING TAGS :
मतदाता सूची के प्रकाशन पर रोक
लखनऊ, 29 सितम्बर- केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के प्रकाशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही मतदाता सूची से जुड़े सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादलों पर लगी रोक को भी बढ़ा दिया गया है। मतदाता सूची का प्रकाशन अब संभवत: छह अक्टूबर को होने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार मतदाता सूची के प्रकाशन का आज अंतिम दिन था। पर अभी तक मतदाता सूची के प्रकाशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। सूची की जांच का काम भी अधूरा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन के आला हुक्मरान इस कोशिश में थे कि मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाये। लेकिन चुनाव र्केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को ऐसा करने से रोक दिया। आयोग का कहना है कि पहले मतदाता सूची को लेकर हमें खुद आश्वस्त होना होगा। क्योंकि प्रकाशन के बाद अगर सूची में कोई गड़बड़ी पायी जाती है तो उसमें जिला प्रशासन की नहीं निर्वाचन कार्यालय की किरकिरी होगी। इसलिये आयोग मतदाता सूची की खुद जांच पड़ताल करके आश्वस्त हो लेना चाहता है कि जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गयी मतदाता सूची कितनी सही है। आयोग ने जिलाधिकारियों को इस आशय के निर्देश भी दे दिये हैं कि बिना उसकी अनुमति के किसी भी जिले में मतदाता सूची का प्रकाशन वैद्य नहीं माना जायेगा। निर्वाचन आयोग के हस्तक्षेप के बाद अब मतदाता सूची के प्रकाशन की उम्मीद आगे की ओर खिसक गयी है। हालांकि आयोग ने इसके लिये अब छह अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है। आयोग ने कहा कि जब तक मतदाता सूची का प्रकाशन नहीं हो जाता तब तक इस काम में लगे जिलाधिकारियों, एसडीएम व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक को भी बढ़ा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार मतदाता सूची के प्रकाशन का आज अंतिम दिन था। पर अभी तक मतदाता सूची के प्रकाशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। सूची की जांच का काम भी अधूरा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन के आला हुक्मरान इस कोशिश में थे कि मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाये। लेकिन चुनाव र्केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को ऐसा करने से रोक दिया। आयोग का कहना है कि पहले मतदाता सूची को लेकर हमें खुद आश्वस्त होना होगा। क्योंकि प्रकाशन के बाद अगर सूची में कोई गड़बड़ी पायी जाती है तो उसमें जिला प्रशासन की नहीं निर्वाचन कार्यालय की किरकिरी होगी। इसलिये आयोग मतदाता सूची की खुद जांच पड़ताल करके आश्वस्त हो लेना चाहता है कि जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गयी मतदाता सूची कितनी सही है। आयोग ने जिलाधिकारियों को इस आशय के निर्देश भी दे दिये हैं कि बिना उसकी अनुमति के किसी भी जिले में मतदाता सूची का प्रकाशन वैद्य नहीं माना जायेगा। निर्वाचन आयोग के हस्तक्षेप के बाद अब मतदाता सूची के प्रकाशन की उम्मीद आगे की ओर खिसक गयी है। हालांकि आयोग ने इसके लिये अब छह अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है। आयोग ने कहा कि जब तक मतदाता सूची का प्रकाशन नहीं हो जाता तब तक इस काम में लगे जिलाधिकारियों, एसडीएम व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक को भी बढ़ा दिया गया है।
Next Story
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!