Advertisement
Advertisement
TRENDING TAGS :
बाढ़ के मुहाने पर राजधानी
लखनऊ , 29 सितम्बर- राजधानी के इर्द-गिर्द के जिलों में भले ही नदियों जल स्तर उतार पर हो लेकिन राजधानी लखनऊ बाढ़ के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। नेपाल से छोड़े गये 1100 क्यूसेक पानी ने राजधानी के आसपास के जिलों -सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच और गोण्डा के कई इलाकों को त्रस्त कर दिया है। पर अब इन क्षेत्रों के बाढ़ का पानी गोमती की ओर मोड़ दिया गया है। जिससे गोमती अब खतरे के निशान को छूने लगी है। गोमती के उफान को देखकर राजधानी वासियों का भी चैन छिनने लगा है। गौरतलब है कि गोमती किनारे बसे लोगों को किसी तरह एक महीने पूर्व ही निजात मिली थी। हालांकि उस समय बाढ़ की आशंका बारिश के पानी को लेकर थी पर इस बार नेपाल ने इतना अधिक पानी छोड़ दिया है कि घाघरा, शारदा और गंडक नदियेां के किनारे बसे लोग जिन बदतर स्थितियों को जीने को अभिशप्त हुये थे। कमोवेश ऐसे ही हालात गोमती किनारे बसे लोगों को भी नजर आने लगे हैं।
सिंचाई विभाग के सूत्रों के मुताबिक गोमती का पानी लगातार वृद्घि की ओर अग्रसर है। सरकटा नाले के पास गोमती एक मीटर तथा बैराज के पास खतरे के निशान से मात्र आधा मीटर से ही नीचे बह रही है। बाढ़ के चलते गोमती नगर विस्तार में फिर से पानी भर गया है। इंटौंजा के कई गांव पानी से घिरे हुए हैं। जबकि प्रशासन ने बिन बारिश आयी बाढ़ से बचाने के लिये अभी तक राहत कार्य की शुरुआत तक नहीं की है। भयभीत गांव वाले सुरक्षित स्थान को पलायन कर रहे हैं। गोमती नदी का जलस्तर बढऩे से कई गांवों में बाढ़ आ गई है। शहरी क्षेत्र में नया और पुराना लक्ष्मण मेला स्थल, चिरैया झील, दुबग्गा, कैटिल कैचिंग कालोनी में पानी भर गया है। जलस्तर बढऩे से सिंचाई विभाग ने 32 बैरल बंद कर दिए हैं। नगर निगम ने बंद बैरल वाले स्थलों पर पंपिंग शुरू करा दी है। इंटौजा के लासा, अकडरिया कलां, अकडरिया खुर्द, सुलतानपुर, बहादुरपुर, हरदा, दुधरा, हीरपुरवा, जमखनवां समेत 18 गांवों में पानी भर गया है। लोग घर छोडक़र सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं। बाढग़्रस्त गांव सुलतानपुर में दीवार गिरने से 70 वर्षीय एक व्यक्ति घायल भी हो गया। उधर बाढ़ की खबर मिलने पर एडीएम वित्त रमाकांत पांडेय ने बाढग़्रस्त गांवों का दौरा कर जायजा तो लिया परन्तु अभी तक राहत व बचाव कार्य शुरू नहीं किये जा सके हैं। गोमती में पानी के बढ़ाव को देखते हुये किसी भी समय राजधानी बाढ़ की चपेट में आ सकती है लेकिन प्रशासन इस ओर से आंखे मूंदे हुये है।
सिंचाई विभाग के सूत्रों के मुताबिक गोमती का पानी लगातार वृद्घि की ओर अग्रसर है। सरकटा नाले के पास गोमती एक मीटर तथा बैराज के पास खतरे के निशान से मात्र आधा मीटर से ही नीचे बह रही है। बाढ़ के चलते गोमती नगर विस्तार में फिर से पानी भर गया है। इंटौंजा के कई गांव पानी से घिरे हुए हैं। जबकि प्रशासन ने बिन बारिश आयी बाढ़ से बचाने के लिये अभी तक राहत कार्य की शुरुआत तक नहीं की है। भयभीत गांव वाले सुरक्षित स्थान को पलायन कर रहे हैं। गोमती नदी का जलस्तर बढऩे से कई गांवों में बाढ़ आ गई है। शहरी क्षेत्र में नया और पुराना लक्ष्मण मेला स्थल, चिरैया झील, दुबग्गा, कैटिल कैचिंग कालोनी में पानी भर गया है। जलस्तर बढऩे से सिंचाई विभाग ने 32 बैरल बंद कर दिए हैं। नगर निगम ने बंद बैरल वाले स्थलों पर पंपिंग शुरू करा दी है। इंटौजा के लासा, अकडरिया कलां, अकडरिया खुर्द, सुलतानपुर, बहादुरपुर, हरदा, दुधरा, हीरपुरवा, जमखनवां समेत 18 गांवों में पानी भर गया है। लोग घर छोडक़र सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं। बाढग़्रस्त गांव सुलतानपुर में दीवार गिरने से 70 वर्षीय एक व्यक्ति घायल भी हो गया। उधर बाढ़ की खबर मिलने पर एडीएम वित्त रमाकांत पांडेय ने बाढग़्रस्त गांवों का दौरा कर जायजा तो लिया परन्तु अभी तक राहत व बचाव कार्य शुरू नहीं किये जा सके हैं। गोमती में पानी के बढ़ाव को देखते हुये किसी भी समय राजधानी बाढ़ की चपेट में आ सकती है लेकिन प्रशासन इस ओर से आंखे मूंदे हुये है।
Next Story
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!