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Pahalgam Attack: हिन्दुओं पर आतंक की कुदृष्टि, कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी

Pahalgam Attack: हिन्दुओं से उनका धर्म पूछा, कलमा सुनाने को कहा, नीचे के कपड़े उतारकर मजहब जांचा और सिर में गोली मार दी। बिलखते हुए औरतों और बच्चों से कहा जाओ- मोदी को बताओ।

Mrityunjay Dixit
Published on: 27 April 2025 4:37 PM IST
Pahalgam Attack News
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Pahalgam Attack News (Image From Social Media)

Pahalgam Attack: जब ऐसा प्रतीत होने लगा कि कश्मीर आतंकवाद के साए से निकलकर विकास और शांति के पथ पर आगे बढ़ रहा है तब ही पाकिस्तान ने अपने आतंकी संगठनों और कश्मीर में अपने बचे खुचे स्लीपर सेल की सहायता से एक बार फिर आतंक का नंगा नाच किया। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में जो हुआ उसने देश की नब्बे के दशक की डरावनी स्मृतियां ताज़ी कर दीं। हथियारबंद आतंकवादियों ने बैसरन पहुंचे हिन्दू पर्यटकों अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। हिन्दुओं से उनका धर्म पूछा, कलमा सुनाने को कहा, नीचे के कपड़े उतारकर मजहब जांचा और सिर में गोली मार दी। बिलखते हुए औरतों और बच्चों से कहा जाओ- मोदी को बताओ।

मंगलवार का दिन चुना

आतंकवादियों ने यह घृणित काम उस समय किया जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत में थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर। आतंकवादियों ने हिंदुओं का नरसंहार करने के लिए मंगलवार का दिन चुना जिसे हिन्दू बहुत पवित्र मानते हैं। आतंकवादी बॉडी कैमरा पहने हुए थे, उन्होंने हत्याओं का वीडियो भी बनाया। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने सोचा था कि ऐसा कुछ करके वो भारत को एक बार फिर अस्थिर कर देंगे लेकिन वो भूल गए कि अब भारत बहुत आगे बढ़ चुका है और ईंट का जवाब पत्थर से देगा। घटना की सूचना आते ही प्रधानमंत्री सऊदी अरब से, गृह मंत्री से बात करते हैं और गृहमंत्री अमित शाह तत्काल श्रीनगर पहंचकर सुरक्षा समीखा बैठकें करते हैं, घटन स्थल पर जाते हैं, पीड़ितों से मिलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दौरा बीच में ही छोड़कर वापस आ जाते हैं और एअरपोर्ट पर भी बैठक कर अद्यतन जानकारी लेते हैं । वित्तमंत्री अमेरिका से भारत निकल पड़ती हैं। उसी दिन कैबिनेट समिति की बैठक होती है और पाकिस्तान सम्बन्धी कूटनीतिक निर्णय लिए जाते हैं। पहलगाम हिंदू नर संहार के प्रत्येक पीड़ित का शव सैनिक सम्मान के साथ घर पहुंचाया जा रहा है।

सिंधु जल समझौता निलम्बित

भारत सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक दृष्टि से कड़ा संदेश देते हुए 1960 का सिन्धु जल समझौता निलंबित कर दिया है, ज्ञातव्य है कि 1965 और 1971 के युद्ध में भी इसे निलंबित नहीं किया गया था। अटारी बार्डर बंद कर दिया गया है। सभी पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करते हुए उनको 48 घंटे में भारत छोड़ने के लिए कहा गया है और भारत अपने नागरिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है। दूतावासों अधिकारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जा रही है। यही नहीं भारतीय सेनाओं को हाई एलर्ट कर दिया गया है । कश्मीर घाटी में भी आपरेशन आलआउट में तीव्रता लाई जा रही है। भारत के सभी प्रमुख राजनयिकों के साथ बैठक करके उन्हें भारत के पक्ष से अवगत करा दिया है। रूस, अमेरिका, इजराइल, इटली जैसे सभी प्रमुख राष्ट्रों ने भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता ( जीरो टॉलरेंस) की नीति का समर्थन किया है।

मोदी की सख्त चेतावनी

प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में अत्यंत सख्त शब्दों का प्रयोग करते हुए चेतावनी दी है, कि इस घटना में शामिल तथा इसके पीछे के षड्यंत्रकारियों की पहचान करके उनको दंड देने के लिए भारत धरती के किसी भी कोने में जाएगा। इस बार इन षड्यंत्रकारियों को ऐसा दंड मिलेगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं करी होगी। अब उनकी बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री जी ने इस बात को अंग्रेजी में दोहराते हुए, सम्पूर्ण विश्व को भी ये सन्देश दिया कि. भारत अब रुकने वाला नहीं है।

अंततः मौका मिल ही गया

धारा 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान तथा उसके आतंकी नेटवर्क में बेचैनी थी और ये लोग बड़ी वारदात को अंजाम देने का लगातार प्रयास कर रहे थे अंततः उमर अब्दुल्ला सरकार की सरकार वापस आने के बाद उनको यह मौका मिल ही गया। आतंकवादी गुट कश्मीर में लगातार बढ़ रहे पर्यटन से परेशान थे क्योंकि गरीब कश्मीरी मुसलमानों जिनमें गुज्जर, बकरवाल जैसे शिया मुस्लमान शामिल हैं उनसे उनको समर्थन नहीं मिल पा रहा था। कश्मीर के गरीब परिवार पर्यटकों के आगमन से ही फलते -फूलते हैं और उनका जीवन -यापन चलता है। बीते दिनों घाटी में पर्यटकों के खिलाफ बयानबाजी की गई और पर्यटकों के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया गया इनमें सत्ताधारी ओमर अब्दुल्ला की पार्टी के लोग भी शामिल थे।

आज प्रधानमंत्री के अनथक प्रयासों से कश्मीर के हालात भले ही बदल रहे हों लेकिन स्थानीय स्तर पर विशेष रूप से घटी के अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवारों के आस पास अभी भी ऐसे तत्व मौजूद हैं जिनके मन में पाकिस्तान के प्रति प्रेम जागता रहता है और वो अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं। पहलगाम की आतंकी घटना जहाँ घटी वो स्थान अमरनाथ यात्रा के दौरान ही खुलता है, इस स्थान को टूर ऑपरेटर्स ने बिना सुरक्षा बलों को सूचित किये कैसे खोल दिया? वो कौन से टूर ऑपरेटर्स हैं? स्वाभाविक है ये हमला बिना स्थानीय लोगों की मिलीभगत के नहीं हुआ है और यही कारण है कि हमलावरों की खोज, पहचान के लिए अब तक 500 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

आतंकी हमले में मारे गए मंजुनाथ की पत्नीपल्लवी राव, जिनसे आतंकियों ने कहा – जाओ मोदी को बताओ ने , रिपब्लिक चैनल पर अर्नब गोस्वामी से बात करते हुए कहा – “मेरी एक ही रिक्वेस्ट है मोदी जी से कि भारत का सुनते ही आतंकियों को कांपना चाहिए” और मोदी जी ने पुरे विश्व के समक्ष इसकी घोषणा भी कर दी है। उधर मुस्लिम तुष्टीकरण में अंधे दल इस दुखद अवसर को भी अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए भुना लेना चाहते हैं । पहले कांग्रेस पार्टी के दामाद राबर्ट्र वार्ड्रा ने हैरान करने वाला बयान दिया फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पहलगाम आतंकी हमले को महज एक हादसा बताकर हल्का करने का असफल प्रयास किया,इसी प्रकार का आपत्तिजनक बयान शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने दिया। इन सभी दलों के नेता और प्रवक्ता इस सत्य को झुठलाने में लगे हैं कि आतंकवादियों ने घर्म पूछकर हिंदुओं का नरसंहार किया है। यह लोग पाकिस्तान की निंदा तक नही कर पा रहे हैं, इनका व्यवहार पाकिस्तान व आंतकियों के लिए कवर फायर का काम कर रहा है।

Ramkrishna Vajpei

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