नवरात्रि घट स्थापना में बरतें सावधानी, वरना रूठ जाएंगी माता रानी!

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हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व है। इन 9 दिनों में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और व्रत रखते हैं।
नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से होती है। इसे शुभ मुहूर्त में करना जरूरी माना गया है।
शास्त्रों में बताया गया है कि घट स्थापना सिर्फ मिट्टी के कलश में ही करनी चाहिए। अन्य धातु के कलश का प्रयोग निषेध है।
कलश में शुद्ध जल भरकर, उस पर 9 आम के पत्ते और ऊपर पानी वाला नारियल रखा जाता है। नारियल पर कलावा बांधा जाता है।
मिट्टी के कलश की स्थापना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
पुराने समय से ही मिट्टी के कलश में ही घट की स्थापना होती आई है। यही परंपरा आज भी शास्त्रों में मान्य है।
मिट्टी का कलश पांच तत्वों वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी और आकाश का प्रतीक माना जाता है।
अगर घट स्थापना स्टील या अन्य धातु के कलश से की जाए, तो व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
मिट्टी का कलश धरती माता का प्रतीक है और नवरात्रि में इसे ही सबसे पवित्र माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सही विधि से घट स्थापना करने पर देवी मां संपूर्ण फल और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।