कब है देव दिवाली? इन जगहों पर दीपक जलाने से प्रसन्न होंगे भगवान
PHOTO CREDIT: SOCIAL MEDIA
देव दिवाली को हिंदू धर्म में बेहद शुभ पर्व माना गया है. यह दीपावली के ठीक 15 दिन बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल देव दिवाली 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि देव दिवाली के दिन भगवान स्वर्ग से धरती पर उतरते हैं और दिवाली का उत्सव मनाते हैं इसीलिए इसे 'देवताओं की दिवाली' भी कहा जाता है।
देव दिवाली के अवसर पर गंगा नदी के घाटों पर लाखों दीये जलाए जाते हैं। खासतौर पर वाराणसी में इस दिन का नजारा बेहद मनमोहक होता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भगवान का आशीर्वाद सदैव घर पर बना रहता है।
देव दिवाली के दिन पहला दीपक घर के मंदिर में जलाना चाहिए। घी का दीपक जलाकर भगवान के चरणों में एक फूल भी अर्पित करें।
इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु के मंदिर के द्वार पर एक दीपक और एक फूल अवश्य रखें। ऐसा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
जो लोग नदियों के किनारे दीपदान करते हैं, उन्हें विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इससे आर्थिक संकट दूर होते हैं।
यदि संभव हो तो अपने गुरु या किसी विद्वान ब्राह्मण के घर दीपदान करें। यह अत्यंत शुभ माना जाता है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
शाम के समय धान के खेतों या अपने घर के आसपास दीपक जलाना भी बहुत मंगलकारी होता है। इससे घर में धन और अनाज की कभी कमी नहीं होती।
देव दिवाली के दिन पीपल और आंवला के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है। इससे देवी लक्ष्मी का स्थायी वास घर में बना रहता है।