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मोदी-योगी के बाद 'मुस्लिम समुदाय' के लिए अछूत नहीं रह गयी बीजेपी
नयी दिल्ली : हाल में ही यूपी में समाप्त हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली, बेशक ये बड़ी बात है लेकिन उससे भी बड़ी बात ये है कि जनसंघ के समय से ही मुस्लिम बीजेपी से दूर हैं, और अटल बिहारी की छवि भी उन्हें बीजेपी के करीब न ला सकी। लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया प्लान के चलते बीजेपी मुस्लिम समुदाय के लिए अछूत नहीं रह गयी है।
इन चुनावों में साबित हो गया कि पहले मोदी की भले ही कोई छवि रही हो। लेकिन अब मुस्लिम समाज को कोई मोदी के नाम पर डरा कर वोट नहीं ले सकता। यूपी के मुस्लिम बाहुल्य देवबंद, बरेली और अन्य सीटों पर बीजेपी की जीत ने साबित कर दिया की देश का मुस्लिम मोदी के न्यू इंडिया में अपने को आगे बढ़ते देख रहा है, और उसे अपने बच्चों का भी भविष्य सुनहरा नजर आता है।
हमने जब यूपी के कई मुस्लिम इलाकों में वहां के रहने वालों से सवाल जवाब किये तो एक बात साफ़ तौर पर निकल कर सामने आई, कि मोदी के नए हिंदुस्तान के संदेश को मुस्लिम अपना मनाते हैं, और उन्हें लगता है कि अभीतक उनका सभी दलों ने शोषण किया। लेकिन मोदी राज में उनके हित की बात हो रही है। उनको आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए योजनायें बन रही हैं, अब उन्हें भी इंसान माना जाता है जबकि पहले वो सिर्फ वोट बैंक थे।
हमने कई मुस्लिम युवतियों से भी बात की और तीन तलाक के मुद्दे पर उन्होंने खुल कर अपनी बात रखी, जिससे ये पता चला की मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता आई है, और वो अन्य को भी जागरूक कर रही हैं। ताकि प्रधानमंत्री को अधिक से अधिक समर्थन मिले और वो इस कुरीति को दूर कर सकें। यही वजह है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने खामोशी के साथ बीजेपी को वोट भी दिया है।
मोटे तौर पर कहा जाए तो सूबे का मुस्लिम मानता है कि संबंध दोनों तरफ से बनते हैं। अब दोनों तरफ से हाथ बढ़ाया गया है, मुस्लिम धर्मगुरु भी सीएम योगी के समर्थन में सामने आए हैं। उन्हें उम्मीद है कि यूपी में सरकार बनने के बाद मुसलमानों की भी विकास एवं सत्ता में मजबूत हिस्सेदारी होगी।
हमने कई मुस्लिम युवकों से ये भी पूछा कि बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा तो फिर क्यों पार्टी को समर्थन दिया गया। इसपर उनका कहना था कि हमने मोदी के वादे पर विश्वास किया उम्मीदवार का चेहरा नहीं देखा। उम्मीद है की बीजेपी विकास में सबको साथ लेकर चलने में यकीन करेगी, और हमें बराबरी का मौका मिलेगा। उनका ये भी कहना था कि पूर्व पीएम अटल ने ही खाड़ी देशों के दरवाजे उनके लिए खोले और अब मोदी विकास और साथ की बात कर रहे हैं। ऐसे में एक बार तो उनको मौका देना ही चाहिए।
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