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अंतिम बजट सत्र में सरकार खोलेगी खजाना, विपक्ष भी रहेगा आक्रामक
लखनऊ। यूपी विधानमंडल के शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में सरकार लोकलुभावन घोषणाओं के साथ अपना खजाना खोल सकती है। वहीं विपक्ष कानून-व्यवस्था, गन्ना किसानों और चीनी मिलों पर बकाए, बुंदेलखंड की दुर्दशा, किसानों की समस्या, बिजली पानी तथा लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर राज्य की हुई किरकिरी पर आक्रामक हो सकता है। चूंकि यह साल का पहला सत्र है इसलिए इसकी शुरुआत गर्वनर के अभिभाषण से होगी।
बजट सत्र से जुड़ी अहम बातें
-यूपी विधानमंडल का बजट सत्र शुक्रवार से।
-विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गुरुवार को सभी दलों की बैठक बुलाई।
-सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग की अपील की।
-बजट सत्र 21 मार्च तक चलेगा।
लोकलुभावन हो सकता है बजट
-सीएम अखिलेश यादव ने पहले ही संकेत दिया था कि बजट को लोकलुभावन बनाया जाएगा।
-सरकार लखनऊ मेट्रो और एक्सप्रेस वे को लेकर अपनी उपलब्धि बताएगी।
विपक्ष भी होगा आक्रामक
-विपक्ष सरकार को नाकाम साबित करने का प्रयास करेगा।
-कानून व्यवस्था और किसानों की समस्या बड़ा इश्यू।
-गन्ना किसानों के चीनी मिलों पर बकाया का मामला भी उठ सकता है ।
-किसानों का मिलों पर अरबों रुपए बकाया है।
इस बार गर्वनर अभिभाषण होगा खास
-गर्वनर के अभिभाषण पर अक्सर विपक्ष का हंगामा होता है, इसलिए वह पहली और अंतिम लाइन पढ़ते हैं और उसे पूरा पढ़ा मान लिया जाता है।
-गर्वनर ने कह दिया है कि वह पूरा अभिभाषण पढ़ेंगे।
-गर्वनर ने सभी दलों से सदन में शांति बनाए रखने की अपील की है।
प्रेसीडेंट ने जारी किया नया प्रोटोकाल
-प्रेसीडेंट ने गर्वनर के अभिभाषण को लेकर नया प्रोटोकाल जारी किया है।
-प्रेसीडेंट ने इस मामले में सभी गर्वनर से सुझाव मांगे थे।
-सुझाव के बाद प्रेसीडेंट ने नया प्रोटोकाल जारी किया।
-यूपी में गर्वनर को पहली बार नया प्रोटोकाल मिलेगा।
जुलूस की शक्ल में आएंगे गर्वनर
-गर्वनर विधानसभा में जुलूस की शक्ल में आएंगे।
- जुलूस में आगे एडीसी, विधानसभा और परिषद के प्रमुख सचिव होंगे। बाद में गर्वनर, नेता सदन और विपक्ष के नेता होंगे। सबसे पीछे मुख्य सचिव होंगे। गर्वनर के आने और जाने पर बैंड से राष्ट्रीय धुन बजाए जाएंगे।
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