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योगी जी! एक साल में ही गड्ढायुक्त हो गया आपका स्टेट हाइवे...
सहारनपुर: योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सूबे की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का वादा किया था। उम्मीद थी कि अब सड़कों पर फर्राटे से सफर किया जा सकेगा। लेकिन वादों के इतर योगी सरकार में चौड़ा हुआ स्टेट हाइवे ही गड्ढायुक्त बन गया है। ऐसे में इस हाइवे पर सफर करना यात्रियों के लिए कष्टदायी हो गया है।
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कंपनी ने जमकर किया खेल
स्टेट हाईवे 59 फोरलेन निर्माण करने वाली कम्पनी द्वारा ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी देवबंद के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया है। फ्लाई ओवर के नीचे आबादी क्षेत्र में जहां भूमाफियाओं से सांठ गांठ के चलते हाईवे का स्वरूप बिगाड़ कर रख दिया गया है। वहीं सड़क निर्माण में भी मानकों के अनुरूप सामग्री नहीं लगाई गयी है। नतीजन तीन माह के भीतर ही सड़क गडढ़ों में तबदील होने लगी है।
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दिल्ली से जुड़ता है ये हाइवे
देश की राजधानी दिल्ली से वाया मेरठ उत्तराखंड, हरियाणा व पंजाब को जोडऩे वाले बेहद महत्वपूर्ण हाईवे 59 को उपसा व एपको कम्पनी द्वारा फोरलेन किया गया है। जनपद मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे से जनपद सहारनपुर के गागलहेड़ी तक बनाए गए करीब पचास किमी के इस हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को जाम से बचाने के लिए ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी देवबंद के ऊपर से करीब चार किमी लम्बा पुल बनाया गया है। जिसके चलते जहां देवबंद आबादी क्षेत्र में भूमि की वेल्यु कम हुई है वहीं अधिक्तर वाहन पुल के ऊपर से गुजर जाने के कारण लोगों के कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। इस सबके बावजूद करीब तीन साल तक हाईवे निर्माण के दौरान धूल फांकने और सड़क चोड़ीकरण के नाम पर अपनी दुकान व मकान गंवाने वाले देवबंदवासियों को इस हाईवे पर सफर करना भी बेहद मंहगा पड़ रहा है।
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टोल की अंधाधुंध वसूली जारी
निर्माण कम्पनी द्वारा देवबंद-रूहाना के बीच में टोल प्लाजा बनाया गया है। जहां पर आश्वासनों के बावजूद देवबंदवासियों को टोल में किसी तरह की कोई राहत नहीं दी जा रही है। करीब तीन माह से कम्पनी उक्त मार्ग पर भारी भरकम टोल वसूल रही है और करीब दो दशकों तक टोल वसूलने का यह सिलसिला यूंही जारी रहेगा। जिससे हाईवे निर्माण करने वाली कम्पनी को कई सो करोड़ रुपये का लाभ होगा। लेकिन निर्माण कम्पनी द्वारा देवबंद आबादी क्षेत्र में हाईवे निर्माण के नाम पर केवल खानापूर्ती की गई है। आबादी क्षेत्र में फ्लाईओवर के नीचे डेढ़ी मेढ़ी सड़क बनाकर जहां शहर की खूबसूरती से खिलवाड़ किया गया है वहीं सड़क निर्माण में मानक के अनुरूप सामग्री नहीं लगाई गयी है। जिसके चलते केवल तीन माह के भीतर ही सड़क गडढ़ों में तबदील होने लगी है। हैरत की बात तो यह है कि भारी भरकम टोल वसूलने के बावजूद भी कम्पनी इसकी देखरेख पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते नगर के लोग अपने आपको ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं और लगातार लोगों में फोरलेन हाईवे निर्माण के नाम पर धार्मिक नगरी देवबंद के साथ खिलवाड़ किये जाने पर राष बढ़ता जा रहा है। जो कि कभी भी उग्र आंदोलन के रूप में फूट सकता है।
देवबंद आबादी क्षेत्र के ऊपर से बनाए गए करीब चार किमी लम्बे फ्लाई ओवर के नीचे कम्पनी द्वारा कहीं चोड़ी तो कहीं पतली सर्विस लेन बनाई गयी है। जबकि घोषणा के अनुसार सर्विस लेन, साईकिल लेन व फुटपाथ का निर्माण होना था। इतना ही नहीं विभिन्न स्थानों पर सड़क के बीच में खड़े कई धार्मिक स्थलों को अन्य स्थान पर शिफ्ट कराने के बजाए सड़क निर्माण का काम ही बीच में छोड़ दिया गया है।
आबादी क्षेत्र में फ्लाई ओवर के नीचे मानक अनुसार सर्विस रोड निर्माण कराने की मांग को लेकर शुरू से ही नगर के विभिन्न संगठन आंदोलनरत हैं। टोल में राहत व देवबंद आबादी क्षेत्र के भीतर सड़क सही किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर कई संगठन भूखहड़तााल भी कर चुके हैं। निर्माण कम्पनी के अधिकारी मानक अनुरूप सड़क निर्माण का आश्वासन तो दे देते हैं लेकिन आज तक अपने आश्वासनों को अमली जामा नहीं पहना पाए हैं।
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