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आम नहीं खास होगी अखिलेश यादव की इफ्तार पार्टी, ताज होटल में होगा शानदार आयोजन
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुखिया की तरफ से आम लोगों के लिए होने वाली इफ़्तार पार्टी इस बार नहीं होगी। लोक सभा से पहले आख़िरी रमज़ान में अखिलेश यादव ने चुनिन्दा पार्टी नेताओं और मौलवियों समेत 400 लोगों के साथ होटल ताज में इफ़्तार करने का फैसला लिया है। पिछले दो दशकों से भी अधिक समय में यह पहला मौक़ा होगा जब समाजवादी पार्टी के तरफ होने वाली ग्राण्ड इफ़्तार पार्टी नहीं होगी। इस से पहले अल्पसंख्यक नेताओं के साथ हुई बैठक में भी अखिलेश यादव ने रमज़ान और ईद की मुबारकबाद देने वाली होर्डिंग में उन की मुस्लिम टोपी वाली तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी थी।
400 लोगों के लिए इफ़्तार पार्टी
समाजवादी पार्टी की तरफ से होने वाली ग्राण्ड इफ़्तार पार्टी इस बार नहीं होगी। पार्टी के गठन के बाद से ही पहले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव फिर अखिलेश यादव रमज़ान में बड़ी इफ़तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं। समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहने पर मुख्यमंत्री आवास में इफ़्तार पार्टी होती थे और सत्ता से बाहर रहने पर पार्टी कार्यालय पर बड़े पैमाने पर आम मुसलमानो के लिए इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया जाता रहा है। जिस में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव समेत पार्टी टॉप लीडरशिप रोज़ेदारों की अगवानी के लिए मौजूद रहती थी। लेकिन इस बार पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने पुरानी परम्परा बदलने का फैसला लिया है। अखिलेश यादव की तरफ से इस बार ताज होटल में इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। कल यानि 11 जून को होने वाली इफ़्तार पार्टी में कुल 400 लोगों के इफ़्तार और फिर डिनर का इन्तेज़ाम होगा। जिस के लिए साँसदों, राज्य सभा सदस्यों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, चुनिन्दा मौलवियों और समाज सेवियों को इफ़्तार पार्टी के लिए दावत-नामा भेजा गया है।
होर्डिंग्स में ये है पाबंदी
लोक सभा चुनावों से ठीक समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कोई ऐसा क़दम नहीं उठाना चाहते जिस की वजह से यह मैसेज जाए कि वह किसी जाति विषेश के साथ खड़े नज़र आये। यही वजह है कि अलग अलग जातियों के नेताओं के साथ अखिलेश यादव मीटिंग के दौरान स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए थे कि रमज़ान के मौके पर ली गई उन की मुस्लिम टोपी और गमछे वाली फोटो का इस्तेमाल रमज़ान और ईद की मुबारकबाद देने वाली होर्डिंग में न किया जाए। राजनितिक गलियारों में चर्चा है कि ग्राण्ड इफ़्तार पार्टी का आयोजन नहीं करना भी विरोधियों के निशाने पर आने से बचने का रास्ता माना जा रहा है।
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