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UP Election 2022: किन्नर भी जिताएंगे भाजपा को विधानसभा चुनाव
भाजपा सरकार के इस फैसले को विधानसभा चुनाव के पहले एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सोनम किन्नर की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने आज किन्नर बोर्ड के गठन के बाद सोनम किन्नर (Sonam Kinnar) को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी । इसके बाद अब उनको राज्यमंत्री का दर्जा मिल सकेगा। इसके पहले सोनम किन्नर समाजवादी पार्टी की सदस्य रह चुकी है पर कुछ महीनों पहले उन्हे भाजपा में शामिल किया जा चुका है।
भाजपा सरकार (BJP Government) के इस फैसले को विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के पहले एक बड़ा कदम माना जा रहा है। संभावना इस बात की है कि इससे भाजपा को बड़ा चुनावी लाभ मिल सकेगा। इस साल हुए पंचायत चुनाव में जौनपुर आशा किन्नर ने भी अपनी किस्मत आजमाने का काम किया। पहले भी वह पिछले साल चुनाव में उतरी थी। इसके जबकि कई साल पहले गोरखपुर में एक किन्नर को जनता ने मेयर के रूप में चुना था। साथ ही विधानसभा और लोकसभा के कई चुनावों में किन्नरों ने अपनी भागीदारी साबित की है।
उत्तर प्रदेश में पहली बार किन्नर बोर्ड के गठन के बाद अब इस समाज के इस वर्ग को शिक्षा रोजगार और आवास आदि जीवनपयोगी चीजों के मुहैया होने में बड़ी मदद मिल सकेगी। प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले साल ही इस बात का फैसला ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किन्नरों के लिए विशेष बोर्ड का गठन गुजरात , महाराष्ट्र, तमिलनाडु ,बिहार तथा झारखड पहले ही किया जा चुका है।
एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश में किन्नरों की संख्या लगभग तीन लाख के आसपास है। किन्नरों की यह पुरानी मांग थी कि समाज के अन्य वर्गाे की तरह ही उन्हे भी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य समेत सभी सुविधाए मिलनी चाहिए। किन्नर समाज से जुड़ी संस्थाएं यह भी मांग करती आ रही हैं कि उन्हे सबसे ज्यादा पुलिस उत्पीड़न का सामना आए दिन करना पडता है।
देश के पहले किन्नर विश्वविद्यालय की स्थापना की नींव दो साल पहले कुशीनगर जिले के कसया तहसील में रखी जा चुकी है। इसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की व्यवस्था की जा रही है। इसकी स्थापना से जुडे लोगों का कहना है कि शिक्षा का अधिकार सभी को है। उसी के तहत इस केन्द्र की स्थापना करने का उदेश्य है।
किन्नर समाज की एक बड़ी समस्या उनकी मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की भी होती है। इस समाज का कहना है कि हमारे समाज में किसी के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए भी अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।
एक सामाजिक संस्था के सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल किन्नरों की संख्या मे इजाफा हो रहा है। संस्था के अनुसार हर साल साढे तीन हजार किन्नरों की संख्या बढ जाती है। 2011 में किन्नरों की संख्या 137465 आंकी गयी थी। इसमें सबसे अधिक संख्या आगरा मंडल में 14915 बताई गयी थी।
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