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BJP ने सेंधमारी तो की लेकिन अपने दूसरे प्रत्याशी को जिता नहीं सकी
लखनऊ: यूपी विधान परिषद की 13 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई। आश्चर्यजनक रूप से बसपा का फ्लोर मैनेजमेंट शानदार रहा। क्रॉस वोटिंग की चल रही चर्चा में ये लग रहा था कि बसपा के कुछ नाराज विधायक दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को वोट देंगे। लेकिन पार्टी ने 10 अतिरिक्त वोट जुटा अपने तीनों प्रत्याशियों को पहली वरीयता में मिले मत के आधार पर ही जिता लिया। बसपा के विधानसभा में 80 सदस्य हैं और उसे अपने तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए 7 अतिरिक्त मत की जरूरत थी। आशंका थी कि बसपा के नाराज विधायक दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को वोट देंगे, लेकिन ये आशंका निर्मूल साबित हुई।
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बीजेपी के दूसरे प्रत्याशी दयाशंकर को पहली वरीयता के 20 वोट मिले। पार्टी के पहले प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह को पहली वरीयता के 31 वोट मिलने के बाद पार्टी के पास 9 वोट बचते थे। दूसरे प्रत्याशी को 11 वोट दूसरी पार्टी से मिल गए। दयाशंकर का दावा है कि उन्हें 13 वोट दूसरी पार्टी के विधायकों ने दिए। यदि दयाशंकर का दावा सही है तो बीजेपी के दो वोट और कहां गए।
राज्यसभा की 11 सीटों के लिए शनिवार को मतदान होना है। बीजेपी निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति महापात्रा को समर्थन दे रही है। प्रीति को जिताने के लिए रणनीति की कमान राजनाथ सिंह ने संभाली है। शुक्रवार को विधान परिषद चुनाव में जम कर क्रॉस वोटिंग हुई है। आशंका है कि शनिवार को भी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का सिलसिला जारी रहेगा। बीजेपी के पास अपने पहले प्रत्याशी को जिताने के बाद 7 अतिरिक्त वोट बचते हैं। बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रीति के नामांकन के वक्त सपा समेत अन्य दलों के कुछ विधायक मौजूद थे। आज आए नतीजे को देखते हुए इस बात की संभावना कम है कि प्रीति जीत के लिए जरूरी पहली वरीयता के 34 मत जुटा पाएंगी। इसके बावजूद प्रीति ओर कांग्रेस के कपिल सिब्बल के बीच मुकाबला रोचक होगा।
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