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Borewell Incidents : बोरवेल में एक बार फिर फंसी मासूम की जान, 7 साल में 47 बच्चों की मौत, जुगाड़ नहीं आ रहा काम!
Borewell Incidents : बीते सात सालों में राजस्थान में बोरवेल में गिरने से 47 बच्चों की मौत हो चुकी है।
Borewell Incidents : राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ से बड़ी खबर है। यहां 150 फीट गहरे बोरवेल में एक तीन साल की बच्ची गिर गई है, जिसे बचाने के लिए एनडीआरएफ और प्रशासन की की टीम आज तीसरे दिन में जुटी रही है, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि रेतीली जमीन होने के कारण बोरवेल के पास मिट्टी ढहने का खतरा है, जिससे पाइलिंग मशीन के साथ देशी जुगाड़ भी फेल हो गया है। अब बच्ची को बचाने के लिए अम्ब्रेला तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। बता दें कि बीते सात सालों में राजस्थान में बोरवेल में गिरने से 47 बच्चों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में बड्याली ढाणी में भूपेंद्र ने अपने घर के बाहर एक बोरवेल खोदवाया था, लेकिन 700 फीट तक पानी नहीं मिलने के कारण उसे खुला छोड़ दिया था। बीते सोमवार को भूपेंद्र की दो बेटियां चेतना (3) और काव्या (8) खेल रहीं थीं, इसी दौरान चेतना का पैर फिसल गया, जिससे वह बोरवेल में गिर गई। बच्ची के बोरबेल में गिरने की खबर के बाद प्रशासन में हड़कम्प मच गया है।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची एनडीआरएफ और प्रशाासन की टीमों ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया, जो आज तीसरे दिन भी जारी है। बच्ची को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ ने देशी जुगाड़ का सहारा लिया, इसके बाद पाइलिंग मशीन से खुदाई की, लेकिन रेतीली जमीन होने के कारण मिट्टी के धंसने का खतरा बना हुआ है। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने बच्ची को ऊपर खींचने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है। इसके बाद अब अम्ब्रेला तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं, बताया जा रहा है कि कैमरे के माध्यम से बच्ची की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन अब कैमरे में दिखना बंद हो गई है। इसके बाद जेसीबी से भी खुदाई शुरू कर दी गई है। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है और देशी जुगाड़ का ही सहारा लिया जा रहा है।
बता दें कि अभी हाल ही में दौसा जिले में बोरवेल में गिरने से आर्यन की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने सभी बोरवेल को बंद किए जाने की एडवाइजरी जारी की थी। इसके बावजूद अभी बोरवेल खुले हुए हैं।
राजस्थान में 7 साल में 47 बच्चों की मौत
आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में बीते पिछले 7 सालों बोरवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में अब तक 47 बच्चों की मौत हो चुकी है। बता दें कि 2018 में पंद्रह, 2019 में पांच, 2020 में अठारह, 2021 में छह और 2024 में दो बच्चों की मौत हुई है।
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