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गौतम गंभीर बोले, भारतीय सेना में नहीं जा पाने का आज भी अफसोस
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का कहना है कि सेना उनका पहला प्यार था लेकिन नियति ने उनको क्रिकेटर बना दिया। एक सफल क्रिकेटर बनने के बावजूद गौतम गंभीर का अपने पहले प्यार के प्रति लगाव बिल्कुल कम नहीं हुआ है।
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का कहना है कि सेना उनका पहला प्यार था लेकिन नियति ने उनको क्रिकेटर बना दिया। एक सफल क्रिकेटर बनने के बावजूद गौतम गंभीर का अपने पहले प्यार के प्रति लगाव बिल्कुल कम नहीं हुआ है।
गंभीर ने कहा कि शहीदों के बच्चों की मदद करने वाले एक फाउंडेशन के जरिए उन्होंने इस प्रेम को जीवंत रखा है। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने एक किताब के विमोचन के दौरान सेना के प्रति अपने जुनून को लेकर बात की।
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गंभीर ने कहा, 'नियति को यही मंजूर था और अगर मैं 12वीं की पढ़ाई करते हुए रणजी ट्राॅफी में नहीं खेला होता तो मैं निश्चित तौर पर एनडीए में जाता, क्योंकि वह मेरा पहला प्यार था और यह अब भी मेरा पहला प्यार है। असल में मुझे जिंदगी में केवल यही खेद है कि मैं सेना में नहीं जा पाया।'
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उन्होंने कहा कि 'इसलिए जब मैं क्रिकेट में आया तो मैंने फैसला किया मैं अपने पहले प्यार के प्रति कुछ योगदान दूं। मैंने इस फाउंडेशन की शुरुआत की जो कि शहीदों के बच्चों का ख्याल रखती है।'
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गंभीर ने कहा कि आने वाले समय में वह अपने फाउंडेशन को विस्तार देंगे। उन्होंने कहा, 'हम अभी 50 बच्चों को प्रायोजित कर रहे हैं। हम यह संख्या बढ़ाकर 100 करने वाले हैं।'
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