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देशभक्ति हारी, पैसा जीता? भारत-पाक मैच के पीछे की कड़वी सच्चाई
India vs Pakistan Asia cup 2025: एशिया कप 2025 का आगाज 9 सितंबर को शांतिपूर्वक ढंग से हुआ था। पूरे भारत में भारत-पाकिस्तान मैच के बहिष्कार की आवाज़ें तेज़ हो चुकी हैं, कई लोग बीसीसीआई पर इस मैच के आयोजन को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
Asia cup 2025 India vs Pakistan: एशिया कप 2025 का आगाज 9 सितंबर को शांतिपूर्वक ढंग से हुआ था। लेकिन आयोजकों, प्रसारकों और फैंस के लिए, यह टूर्नामेंट 14 सितंबर को वास्तविक रूप से शुरू होगा। जिस दिन क्रिकेट की सबसे बड़े राइवल्स भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। जब भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान पर एक-दूसरे के खिलाफ़ होते हैं, मैदान के अंदर हो या बाहर, यह एक मैच हमेशा ही किसी अन्य मैच से अधिक महत्व रखता है। फिर भी, इस बार के मैच में एक बेचैनी है जो कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूरे भारत में भारत-पाकिस्तान मैच के बहिष्कार की आवाज़ें तेज़ हो चुकी हैं, कई लोग बीसीसीआई पर इस मैच के आयोजन को लेकर सवाल उठा रहे हैं। जिसका कारण यह है कि देश अभी भी पहलगाम हमले का ही शोक मना रहा है। इतना ही नहीं लोगों के अनुसार यह पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए जवानों और उनके परिवारों के मर्यादा की अवहेलना है।
फैंस में नहीं है कोई उत्साह
आमतौर पर, इस मैच से पहले का माहौल किसी उत्सव जैसा होता है। टिकट काउंटरों पर फैंस की भीड़ उमड़ी रहती है, अभ्यास सत्रों के दौरान खिलाड़ियों को घेर लिया जाता है, और होटल लॉबी मीडिया के युद्ध क्षेत्र में बदल जाती हैं। हालाँकि, इस बार के मुकाबले से वह उत्साह गायब है। शुक्रवार को भारत का प्रशिक्षण सत्र शांत था। स्टैंड आधे खाली थे, और ऑनलाइन टिकट पोर्टल पर अभी भी बिना बिके टिकट दिखाई दे रहे थे। आम हलचल का स्थान अब हिचकिचाहट और विरोध ने ले लिया है। इस समय, भारत की जनभावना पाकिस्तान से जुड़ी किसी भी पहलू के सख्त खिलाफ है। कई लोगों के लिए, भारत-पाकिस्तान का मैच देखना पहलगाम नरसंहार को नज़रअंदाज़ करने और शहीदों का अपमान करने जैसा है। यह मैच पहलगाम में हुए आतंकी हमले साथ ही पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत द्वारा किए गये ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद ही हो रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता, जिसे आमतौर पर रिकॉर्ड तोड़ दर्शकों की संख्या और मैदान पर होने वाले नाटकीय घटनाक्रम के लिए जाना जाता है, इस बार भारत को इस मैच के खिलाफ एकजुट कर रही है।
उत्साह से अधिक बहिष्कार का माहौल
बमुश्किल दो महीने पहले, हाल ही में संन्यास लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों के एक समूह ने इंग्लैंड में एक लीजेंड्स मैच से उसी सुबह नाम वापस ले लिया था जिस दिन उन्हें शाहिद अफरीदी की पाकिस्तानी टीम से भिड़ना था। इसकी कोई पुष्टि नहीं है कि जब उन्होंने टूर्नामेंट के लिए साइन अप किया था, तब उन्हें पाकिस्तान की भागीदारी के बारे में पता था। सोशल मीडिया पर, माहौल उत्साह से ज़्यादा बहिष्कार की ओर झुका है। गुस्सा इसलिए और गहरा गया है क्योंकि कई पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने देश की सैन्य रणनीति का खुलकर समर्थन किया था। इनमें से दो खिलाड़ी (फ़हीम अशरफ़ और अबरार अहमद), जिन्होंने भारत विरोधी सामग्री पोस्ट की थी, अब पाकिस्तान की एशिया कप टीम का हिस्सा हैं। भारत में कई लोगों को यह खेल के रूप में उकसावे जैसा लग रहा है।
हर टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान मुकाबला सबसे अहम
2025 चैंपियंस ट्रॉफी में, भारत-पाकिस्तान मुकाबले को भारतीय टेलीविजन पर 26 अरब मिनट का चौंका देने वाला वाच टाइम मिला था। यह आंकड़ा 2023 में होने वाले विश्व कप मुकाबले से भी ज़्यादा है। क्रिकेट बोर्डों के लिए, ये आँकड़े बेहद अहम होते हैं। सिर्फ़ तीन आईसीसी टूर्नामेंटों के मीडिया अधिकारों का मूल्य लगभग 1,400 करोड़ रुपए है। इस अमाउन्ट में प्रत्येक सदस्य देश को सैकड़ों करोड़ रुपए का फायदा मिलना तय है। और ये आँकड़े भारत की भागीदारी के बिना असंभव है। और भारत-पाकिस्तान मैच के बिना तो बिल्कुल भी नहीं। आईसीसी ने अतीत में यह भी स्वीकार किया है कि उसे जानबूझकर हर टूर्नामेंट में दोनों देशों के बीच मुकाबले का आयोजन करना पड़ता है।
मीडिया राइट्स की बात करें तो ICC की तीन प्रमुख प्रतियोगिताओं के लिए अरबों रुपये की डील होती है, जिसमें भारत का योगदान सबसे अधिक होता है। इन आर्थिक फायदों को देखते हुए बोर्ड इस मैच को रद्द करना शायद अपनी आर्थिक मजबूरियों के कारण नहीं चाहता।
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