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Team India: टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने बताया, क्या है राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग में अंतर
Team India: राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर दोनों ही कोचिंग शैली में काफी फर्क है। टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दोनों की कोचिंग को लेकर कही बड़ी बात
Team India (Source_Social Media)
Team India: भारतीय क्रिकेट टीम में गौतम गंभीर का युग शुरू हो चुका है। टीम इंडिया ने जून के आखिर में जैसे ही आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप का खिताब उठाया, उसके बाद ही टीम के हेड कोच रहे राहुल द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ। राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के साथ करीब 3 साल का समय बिताया। उनके जाने के बाद बीसीसीआई ने पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया हेड कोच नियुक्त किया और अब अगले कुछ साल तक गौतम गंभीर के हाथ में ही कमान रहेगी।
क्या है राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग में फर्क?
गौतम गंभीर ने भारतीय टीम के साथ कोचिंग सफर शुरू कर दिया है, जहां वो पिछले महीनें श्रीलंका के दौरे पर टीम के साथ थे। गौतम गंभीर को भारतीय टीम का हेड कोच 2027 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप तक बनाया गया है, ऐसे में अब कुछ साल तो टीम इंडिया के खिलाड़ियों को उनके मार्गदर्शन में खेलना है। एक तरफ राहुल द्रविड़ थे, जो बहुत ही शांत स्वभाव के थे, तो वहीं दूसरी तरफ गौतम गंभीर जो काफी आक्रमक अंदाज में कोचिंग करते हैं। ऐसे में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को एक तरफ बर्फ जैसा ठंडा अनुभव मिला, तो अब दूसरी तरफ आग जैसी गर्मी का अनुभव...
ऋषभ पंत ने बताया कैसा होता है द्रविड़ और गंभीर का मैदान में रवैया
ऐसे में खिलाड़ियों को अच्छे से पता है कि राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग में क्या अंतर है। इन दोनों के अंडर खेलने वाले हर एक खिलाड़ी को पता है कि किसका मैदान में कैसा रवैया होता है। इसी बात को भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने बयां किया है। इस बाएं हाथ के विकेटकीपर बैटर ने बताया कि गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ की कोचिंग में खेलने का कैसा अनुभव रहा है। उन्होंने दोनों के बीच फर्क को दो-टूक सामने रखा है।
ऋषभ पंत ने बताया- द्रविड़ काफी संतुलित इंसान, गंभीर हैं आक्रमक शैली के कोच
ऋषभ पंत ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा कि, 'मुझे लगता है कि राहुल भाई (राहुल द्रविड़) बतौर कोच और इंसान काफी संतुलित रहे हैं। यह अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। इसे सकारात्मक या नकारात्मक रूप से लिया जा सकता है। लेकिन यह सामने वाले पर निर्भर करता है कि वह कैसे सोचता है। गौती भाई (गौतम गंभीर) ज्यादा आक्रामक सोच के हैं। वे इस बात के पक्ष में ज्यादा रहते हंं कि हमें जीतना ही है। लेकिन इसके लिए सही बैलेंस की जरूरत होती है।''
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