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What is E-Sanad Portal: किस तरह काम करता है ई-सनद पोर्टल, इसकी शुरूआत क्यों की गई है

What is E Sanad Portal: क्या आप जानते हैं कि ई-सनद पोर्टल किस तरह काम करता है और इसकी शुरूआत क्यों की गई है आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

Jyotsna Singh
Published on: 15 Jan 2025 5:05 PM IST
What is E Sanad Portal
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What is E Sanad Portal (Image Credit-Social Media)

What is E Sanad Portal: विदेश यात्रा करने से पहले तमाम कागजी कारवाइयों को पूरा करने के जद्दोजहद से निजात दिलाने के लिए एक खास तरह की डिजिटल सेवा मौजूद है। इस कड़ी में ‘ई-सनद’ नाम से मौजूद पोर्टल को, प्रमाण पत्रों के डिजिटलीकरण के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा दो अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर शुरू की गई एक पहल है । ई-सनद की मदद से, कागज़ी काम कम होते हैं और भौतिक यात्राओं की ज़रूरत खत्म होती है। इससे पूरे भारत में यूज़र की पहुंच बढ़ती है। ‘परिणाम मंजूषा’ के साथ जोड़ कर इस पहल की शुरूआत आज से सात साल पहले 24 मई, 2017 को की गई थी। विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संयुक्त रूप से 24 मई, 2017 को ‘परिणाम मंजूषा’ के साथ ‘ई-सनद’ की शुरूआत की थी। इस अवसर पर इस पहल का स्वागत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार भारत को बहुत तेजी से डिजिटलीकरण की ओर ले जाना चाहती है, इसलिए यह पहल इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

ई-सनद कार्यक्रम क्या है

‘ई-सनद’, प्रमाण पत्रों के डिजिटलीकरण के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा दो अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर शुरू की गई एक ऑनलाइन सेवा है। ‘ई-सनद’ को शुरू करने का उद्देश्य भारत के साथ-साथ विदेशों में भारतीय आवेदकों, जिन्होंने भारत में दस्तावेज़ जारी करने वाले प्राधिकारियों (डीआईए) से दस्तावेज प्राप्त किए हैं, को एक ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन, एपोस्टिल सेवा प्रदान करता है, जिसमें भारतीय नागरिकों, विदेशियों के लिए संपर्क रहित, चेहरा रहित, नकद रहित और कागज रहित तरीके से दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के सत्यापन की एक डिजिटल सेवा है।

पारिणाम मंजूषा क्या है

परिणाम मजूषा 2016 में सीबीएसई द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल शैक्षणिक रिपोजिटरी है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आवेदक ऑनलाइन भी आवेदन दाखिल कर सकते हैं। जो छात्रों को उनकी मार्कशीट, पास और माइग्रेशन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप में प्राप्त करने की अनुमति देती है और नियोक्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा उनके ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा प्रदान करती है। ‘पारिणाम मंजूषा’ के साथ ‘ई-सनद’ के एकीकरण से आवेदकों को विभिन्न राज्यों में संबंधित अधिकारियों के पास दस्तावेजों को सत्यापित कराने के लिए विदेश यात्रा में लगने वाले समय और बहुमूल्य धन को बचाने में मदद मिलती है।

स्टूडेंट्स को मिलती है खास मदद

  1. ‘ई-सनद’ पोर्टल, ‘केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड’ ( सीबीएससी) की सहायता से ऑनलाइन ‘स्कूल त्यजन प्रमाणपत्र’ या माइग्रेशन सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त इस पोर्टल के माध्यम से केन्द्रीय विश्वविद्यालयों से संबंधित दस्तावेजों को भी ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है।
  2. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी) से संबंधित दस्तावेज जैसे- मार्कशीट और माइग्रेशन यानी स्थानांतरण प्रमाण पत्र आदि की प्राप्ति के लिए पहले ही ‘परिणाम मंजूषा’ नामक एक पोर्टल की शुरूआत की जा चुकी है। देश में प्रमाण पत्रों के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘परिणाम मंजूषा’ को ‘ई-सनद’ के साथ जोड़ा गया है।
  3. राज्यों में ‘ई-सनद’ पोर्टल के क्रियान्वयन के लिए, एक पायलट परियोजना के रूप में संचालित किया जा रहा है।
  4. विभिन्न संस्थानों में बिचौलियों को समाप्त करने के लिए हुई थी ‘ई-सनद’ पोर्टल की शुरूआत।

विभिन्न संस्थानों में बिचौलियों को समाप्त करने के लिए इस पहल की शुरूआत की गई थी। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को अपना प्रमाण पत्र प्राप्त करना या किसी अधिकारी से सत्यापित कराना होता है, तो पहले वह एक बिचौलिये को ढूंढ़ता है, फिर दस्तावेजों के सत्यापन के लिए उसे रिश्वत देता है। इसी प्रकार विदेश जाने वाले व्यक्तियों को कई दस्तावेजों को सत्यापित करवाना पड़ता है, लेकिन बिचौलियों के कारण दस्तावेजों के सत्यापन में काफी समय लगता है। कई बार दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान छात्रों के बहुमूल्य दस्तावेज खो जाते है। इसलिए ई-सनद पोर्टल पर नियोक्ता या संस्थान आवेदक के दस्तावेजों को ऑनलाइन ही देखकर उसकी नियुक्ति की पुष्टि करती है। अतः सरकार ने इस सेवा की शुरूआत मूल रूप से विदेश जाने वाले लोगों को दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया को डिजिटाइज़ करने के लिए लॉन्च किया है, ताकि वे इसके लिए सरकारी कार्यालयों में जाकर परेशान न हो सकें।

100 रूपए का भुगतान कर हासिल करें पुराने प्रमाण पत्र

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी) के चेयरमैन आर.के. चतुर्वेदी के अनुसार यदि कोई छात्र-छात्रा ‘ई-सनद’ के माध्यम से कोई लेटेस्ट प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन यदि कोई छात्र-छात्रा पुराने प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें 100 रूपए का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि ‘ई-सनद’ एम्पलॉइज के लिए भी काफी उपयोगी साबित हो रहा है, क्योंकि इसके माध्यम से कर्मचारियों के दस्तावेजों को सुविधाजनक तरीके से ऑनलाइन सत्यापित किया जा रहा है।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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