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Rudrapur in Deoria: जानिए क्यों कहा जाता है देवरिया के रुद्रपुर को छोटा काशी, इस मंदिर का ही विशेष स्थान
Rudrapur in Deoria: माना जाता है कि यहाँ का शिवलिंग महाकालेश्वर उज्जैन का उपलिंग है। दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में शिवलिंग जमीन से करीब 15 फीट नीचे हैं। इस मंदिर की बहुत मान्यता है।
Dugdheshwar Nath Temple (Image: Social Media)
Rudrapur in Deoria: यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ की नगरी गोरखपुर से लगभग 50 किलोमीटर के दुरी पर एक जिला है देवरिया। देवरिया के नाम से ही संसद की सीट भी है। यही से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है रुद्रपुर। जी हाँ वही रुद्रपुर जिसे छोटे काशी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ एक समय सत्तासी महाराज का राज था। आज रुद्रपुर के नाम से ही विधान सभा सीट भी है।
क्यों कहा जाता है छोटा काशी?
रुद्रपुर को छोटा काशी यहाँ के प्रसिद्ध शिव मंदिर दुग्धेश्वर नाथ मंदिर के कारण कहा जाता है। यहां के शिवलिंग स्वयंभू हैं। यहाँ के शिवलिंग को उपलिंग ही मान्यता मिली हुई है। माना जाता है कि यहाँ का शिवलिंग महाकालेश्वर उज्जैन का उपलिंग है। दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में शिवलिंग जमीन से करीब 15 फीट नीचे हैं। इस मंदिर की बहुत मान्यता है। यहाँ बिहार और नेपाल से लोग दर्शन करने आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की बहुत मान्यता है और सबके मनोकामना की पूर्ति होती है। यहाँ का शिवलिंग नीसक पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर परिसर लगभग 20 एकड़ में फैला हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी यात्रा में दुग्धेश्वर नाथ मंदिर का उल्लेख किया था।
कैसे बना दुग्धेश्वर नाथ मंदिर
प्राचीन समय में यह क्षेत्र पूरी तरह से एक जंगल था। ऐसा माना जाता है कि 332 BC में महाराज दीर्घवाह के पुत्र बृजभान यहाँ आये थे। चुकि पूरा क्षेत्र जंगल था तो उनके सैनिक यहाँ दिन रात पहरा देते थे। ऐसे में ही एक सैनिक ने देखा कि सुबह-सुबह एक गाय एक स्थान पर लगातार दूध दे रही है। यह बता जान राजा ने उस जगह की खुदाई शुरू करवा दी। जैसे जैसे खुदाई होती वहां का शिवलिंग और नीचे चला जाता। ऐसे में राजा ने खुदाई बंद करवा दी और वहां पेंड़ पौधे कटवा कर वहां ब्राह्मणों से पूजन आदि करवा कर एक मंदिर की स्थापना की। इसी मंदिर का नाम दुग्धेश्वर नाथ पड़ा।
सावन में दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में होती है बहुत भारी भीड़
सावन के अवसर पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर तो यहाँ तिल रखने की भी जगह नहीं होती है। गोरखपुर, देवरिया के अलावा यहाँ बिहार और नेपाल से भी लोग जल चढ़ाने आते हैं। माना जाता है कि यहाँ के शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
कैसे पंहुचे बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर
रुद्रपुर में दुग्धेश्वर नाथ मंदिर तक आसानी से पंहुचा जा सकता है। यह स्थान रेल से तो नहीं लेकिन आस-पास के क्षेत्र से यह स्थान रोड से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रूद्रपुर देवरिया और गौरी बाजार से वेल कनेक्टेड है। गोरखपुर से गौरी बाजार एक फोर लेन रोड से जुड़ा हुआ है। यहाँ अपने साधन के अलावा रोडवेज की बस से भी जाया जा सकता है।
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